संभाग की सबसे बड़ी सतना कृषि उपज मंडी: न साफ-सफाई की व्यवस्था और न ही सुरक्षा के इंतजाम

सतना कृषि कानूनों के साथ ही शुल्क में कमी से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही संभाग की सबसे बड़ी व प्रदेश की ‘ए’ ग्रेड सतना कृषि उपज मंडी को मंडी प्रबंधन ही बेजार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। मंडी परिसर में आवारा जानवरों के साथ ही सुआरों की धमा चौकड़ी लगातार जारी है तो वहां व्यापार करने वाले कारोबारियों के साथ ही अनाज लेकर पहुंचने वाले किसानों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। पिछले 6 माह से लगातार आधा दर्जन बार शिकायत कर चुके कृषि उपज व्यापारी संघ ने एक बार फिर मंडी सचिव को ज्ञापन सौंपकर व्यवस्था में सुधार की मांग की है। इस आशय की जानकारी संयुक्त संचालक विपणन बोर्ड रीवा तथा भारसाधक अधिकारी मंडी को भी भेजी गई है।

सालों से तौल कांटों का सत्यापन नहीं
कृषि उपज व्यापारी संघ के मंत्री ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी उनका निराकरण नहीं हो रहा जिससे व्यापारियों का वहा काम करना मुश्किल हो रहा है। शिकायत में कहा गया है कि मण्डी प्रांगण में जिन इलेक्ट्रनिक तोल कॉटों से कृषि उपज की तौल की जाती है उनका सत्यापन नाप-तौल विभाग द्वारा तुरंत कराया जावे। शासकीय नियमों के अनुसार प्रतिवर्ष सत्यापन कराया जाना आवश्यक है लेकिन मण्डी प्रांगण में उपयोग हो रहे कॉटों का सत्यापन 3 वर्षों से नहीं कराया गया है। यही नहीं मण्डी प्रांगण में हजारों की संख्या में आवारा जानवर रहते है जो कि किसान एवं व्यापारियों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।  मण्डी प्रांगण में नियमित रूप से सफाई न होने से पूरे प्रांगण में गंदगी फैली हुई है। एक तरफ भारत सरकार स्वच्छ भारत अभियान एवं प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ मध्यप्रदेश अभियान चलाया जा रहा है वही प्रागंण में जगह-जगह कचरों के ढेर एवं गंदा पानी भरा हुआ बदबू मार रहा है।  

बंद पड़े लाखों के सीसीटीवी कैमरे
मण्डी प्रागंण में क्रय की गई कृषि उपज का नगद भुगतान क्रेता व्यापारियों द्वारा किया जाता है। लेकिन मण्डी प्रांगण में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नही है। मण्डी प्रांगण में सुरक्षा व्यवस्था के आभाव में कई व्यापारियों की गोदामों का ताला तोड़कर चोरी हो चुकी है।  प्रागंण में लगे हुये आधा दर्जन सीसीटीवी कैमरे भी बंद हैं जिससे प्रांगण में व्यापारियों के बीच भय का वातावरण बना हुआ है। संघ ने मांग की है कि मण्डी प्रागंण में नई फसल की आवक को देखते हुए डाक नीलामी का समय निश्चित किया जावें वर्तमान में डाक नीलामी 12 बजे के बाद शुरू होती है उसका समय 10 बजे से किया जावे। 

पिछले त्र माह में आधा दर्जन से अधिक पत्र लिखकर शिकायत होने के बाद भी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। आज पुन: स्मरण पत्र सौंपा गया है। हमने 15 दिन का समय दिया है। सुधार नहीं हुआ तो आगे की लड़ाई लड़ेंगे।
विनोद अग्रवाल, मंत्री कृषि उपज व्यापारी संघ सतना