गर्मी की दस्तक: विधायक को सताने लगी क्षेत्रवासियों के पेयजल की चिंता
सतना | गर्मी की दस्तक के साथ ही चित्रकूट विधायक को क्षेत्रवासियों के पेयजल की चिंता सताने लगी है। भाीषण गर्मी के मौसम में चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के रहवासियों को पानी की किल्लत न हो , इसके लिए शुक्रवार को चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने पीएचई विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की और यह जानने का प्रयास किया कि क्षेत्र की जल संरचनाओं व पेयजल स्त्रोतों की अद्यतन स्थिति क्या है? बैठक में पीएचई ईई रावेंद्र सिंह, मझगवां एसडीओ पीएचई त्रिपाठी, इंजीनियर अतुल खरे, सहायक यंत्री मेकैनिकल पूनम विश्वकर्मा मौजूद रहीं।
नल जल के साथ नलकूपों का करें मेंटीनेंस
बैठक के दौरान विधायक निधि से क्षेत्र में खनन कराए गए 250 हैंडपंपों के भौतिक सत्यापन कर यह जांचने के निर्देश दिए गए कि कितने हैंडपंप पानीदार हैं। जो हैंडपंप सुचारू रूप से चालू नहीं हैं उन्हें अविलंब मेंटेनेंस करा चालू कराने की रूपरेखा बैठक में बनाई गई। इस दौरान ईई ने बताया कि फिलहाल हैंडपंप के मेंटेनेंस के लिए 3 वाहन लगाए गए हैं जिस पर विधायक ने अधिकारियों से चार मेंटेनेंस वाहन लगाने के लिए कहा, जिसमें से दो वाहन मझगवां व चित्रकूट क्षेत्र के तो दो वाहन बिरसिंहपुर क्षेत्र के हैंडपंपों व अन्य पेयजल स्त्रोतों के मेंटेनेंस कराने के निर्देश दिए ताकि गर्मी में क्षेत्रवासियों को हैंडपंप से पानी मिल सके और उन्हें पेयजल के लिए यहां-वहां परेशान न होना पड़े। कई जगहों पर नल जल योजना के तहत लगाई मोटरें खराब है जिस पर सिंगल फेज मोटर दुरूस्त करने की रणनीति बनाई गई। बैठक में अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि इसके अलावा पेयजल के लिए मल्टीविलेज स्कीम पर भी काम किया जा रहा है जो ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या के निदान में रामबाण साबित होगी।
दौरी बांध पूरा करेगा गंगा पुनर्जीवन मिशन
चित्रकूट क्षेत्र के तकरीबन 2 सौ गांव पेयजल समस्या से ग्रस्त हैं। जहां गर्मी के मौसम में पानी के लिए हाहाकार मच जाता है। विधायक बनने के बाद ऐसे ही तकरीबन डेढ़ सौ गांवों को विधायक ने चिन्हित कराया और कई गांवों में विधायक निधि से हैंडपंप लगवाए लेकिन केवल हैंडपंप से पेयजल व सिंचाई समस्या से पार नहीं पाया जा सकता , नतीजतन पेयजल समस्या के निदान के लिए विधायक ने विशेषज्ञों की राय ली। विशेषज्ञों ने सुझाया कि क्षेत्र के लगभग 150 गांवों की पेयजल समस्या का निदान बांधों के जरिये हो सकता है। यह तथ्य सामने आते ही विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने नरदहा बांध, कन्हर बांध और भियामऊ व गड़ोखर बांध के जरिये गांवों को पानीदार बनाने की योजना बनाई ।
पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए दौरीसागर बांध परियोजना की स्वीकृति ले तकरीबन 250 करोड़ का डीपीआर तैयार कराया है। विशेषज्ञों का मानना है कि दौरीसागर बांध परियोजना को यदि सरकार ने मूर्तरूप दे दिया तो न केवल सैकड़ों गांवों की पेयजल समस्या का निदान हो जाएगा बल्कि बांध के पानी को मंदाकिनी तक लाकर उसका गर्मी में थम जाने वाले पानी के अविरल प्रवाह को भी बनाए रखा जा सकेगा । इसी परिप्रेक्ष्य में सीडब्लूसी की टीम ने अधीक्षण यंत्री के नेतृत्व में दौरीसागर व मंदाकिनी नदी का निरीक्षण भी किया । सीडब्लूसी टीम का भी मानना है कि दौरीसागर बांध का निर्माण चित्रकूट क्षेत्र में व्याप्त जल समस्या के निदान में मील का पत्थर साबित होगा।
साढ़े 7 हजार हेक्टे. की सिंचाई, 5 एमसीएम पानी मंदाकिनी को
सीडब्लूसी टीम के अनुसार दौरीसागर बांध परियोजना पूर्ण होने पर क्षेत्र का तकरीबन साढ़े 7 हजार हेक्टेयर रकबा सिंचित हो जाएगा और वहां फसलें उगाई जा सकेंगी। इसके अलावा बांध से 5 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर)पानी मंदाकिनी नदी में डाला जाएगा ताकि गर्मी में भी मंदाकिनी का जल प्रवाह बना रहे। इसके अलावा 3 एमएसीएम पानी पेयजल के लिए बांध से दिया जाएगा। पाथर कछार में भी 20 करोड़ के एक डैम को स्वीकृति मिली है, जिसका निरीक्षण सीब्लूसी टीम द्वारा किया गया है। विशेषज्ञों का दावा है कि यदि ये प्रोजेक्ट पूरे हो जायं तो क्षेत्र पेयजल समस्या से मुक्त हो जाएगा।
बैठक में चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र की पेयजल समस्या को दुरुस्त करने की रणनीति बनाई गई है। हैंडपंप व नल जल मिशन के कामों के मेटिंनेस की रुपरेखा भी बनी है।
रावेन्द्र सिंह, ईई पीएचई सतना