पुलिस विभाग की जमीन पर कब्जा कर बनाई दुकान व घर

रीवा | पुलिस विभाग की जमीन को अतिक्रमणकारी निगल रहे हैं। पुलिस लाइन से लेकर थाना व चौकियां तक की जमीन पर अवैध कब्जा है। लोगों ने बकायदा मकान व दुकान बनवा लिया है।कागजों में तो जमीन आवंटित है लेकिन मौके पर जमीन का अतापता ही नहीं है। पुलिस लाइन की कई एकड़ जमीन पर बेजा कब्जा है, जिसे मुक्त कराने के लिए विभाग को पसीना बहाना पड़ रहा है।

शहर के पुलिस लाइन के पास ही अकेले 120 एकड़ जमीन है। जो छत्रपति नगर से लेकर जेल तक स्थित है। लेकिन इस भू खण्ड के बड़े हिस्से पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। अनुमान के अनुसार 20 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से भवन व दुकाने बन चुकी हैं। यही हाल जिले के अन्य थाना एवं चौकियो का है। जिसकी जमीन पर सरहंगों ने कब्जा कर लिया है। इसकी जानकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी है, लेकिन अतिक्रमणकारियों से अब वह मुक्त नहीं करा पा रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं। लेकिन इसका असर नहीं हो रहा है।

कई बार कर चुके पत्राचार
बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग की जमीन का सीमांकन कराने के लिए अधिकारी कई बार राजस्व विभाग को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन राजस्व विभाग इसमें रुचि नहीं दिखा रहा है। ऐसे में यह तय नहीं हो पा रहा है कि जिले के किस थाना व चौकियों के पास कितनी जमीन है। इस पूरे मामले में पुलिस विभाग के अधिकारियों की हीलाहवाली भी साफ है।

इन थानों की जमीन पर अतिक्रमण
जिले के दर्जन भर से अधिक थाना ऐसे हैं, जिनकी जमीन पर सरहंगों ने कब्जा कर लिया है। सगरा थाना के पास चार एकड़ जमीन है, जिसमें से दो एकड़ में कब्जा है। अतिक्रमणकारियों ने मकान व दुकान बनवा लिया है। इसी तरह गढ़ में पुराने थाना की 80 डिसमिल जमीन अवैध कब्जा है। जिन लोगों ने जमीन पर कब्जा किया था उन्होंने अब दूसरों को जमीन बेच दी है। यही स्थिति अन्य थानों की भी है।