सदन में नीलांशु ने सरकार को घेरा, चुटीले सवालों पर खूब थपथपाई गई मेजें
सतना | बेशक केंद्र व प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की बातें कर रही है लेकिन सरकार की नीतियां बेरोजगारों व किसानों को गुलाम बनाने वाली हैं। सरकार ने बेरोजगारी को बढ़ाया है और किसानों के लिए खेती और मुश्किल कर दी है। अब खैरात बांटकर उन्हें गुलाम बनाने की कवायद सरकार कर रही है। गत दिवस विधानसभा सत्र के दौरान चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी कुछ ऐसे ही तल्ख तेवरों व सवालों के साथ नजर आए ।
अध्यक्ष व सदन को संबोधित करते हुए चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा सरकार में माफियाओं की मौज हैं। उन्होने सदन को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रारंभ की गई प्रदेश के बड़े माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का स्मरण कराते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार ने माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोलकर प्रदेश के कई बड़े माफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की थी ताकि समाज निर्भयमुक्त रह सके लेकिन कांग्रेस की सरकार गिरते ही माफियाओं ने पुन: अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। चित्रकूट विधायक के चुटीले अंदाज पर विधानसभा में जहां खूब मेजे थपथपाई गर्इं वहीं खूब हो-हल्ला भी मचा।
कोविडकाल की नीतियों पर उठाए सवाल
कोविडकाल में सरकार की विफलता गिनाते हुए विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने सदन में कहा कि सरकार लाशों का परिवहन करने में ज्यादा रूचि दिखाती है जिसका नमूना मई 2020 में औरंगाबाद के निकट घटे ट्रेन हादसे में शहडोल के 16 मजदूरों के कटकर काल कवलित होने की घटना है। नीलांशु ने सदन में कहा कि जलगांव की आयरन फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर लगातार सरकार से घर वापिसी के लिए गुहार लगा रहे थे लेकिन कोई व्यवस्था न बनने पर श्रमिक पैदल ही चलने को बाध्य हुए। पहले तो सरकार ने उनकी नहीं सुनी पर जैसे ही वे ट्रेन से कट गए उन्हें लाने के लिए हर प्रकार की व्यवस्था की गई।
नीलांशु ने सवाल उठाया कि पहले उन्हें लाने की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? यदि की गई होती तो संभवत: आज भी वे अपने परिवार के बीच होते। नीलांशु ने कहा कि कोविडकाल में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा हुई है और वे अपने घरों को लौट आए हैं, लेकिन सरकार के तमाम दावों के बावजूद किसी प्रवासी को स्थानीय स्तर पर काम नहीं मिला है। उन्होने कहा कि सदन में ये तो बताया गया कि वैक्सीनेशन शुरू है लेकिन यह नहीं बताया गया कि कितने प्रवासी मजदूरों को सरकार रोजगार दे पाई और न ही यह बताया कि ताली और थाली बजाने से कितने कोविड मरीज ठीक हुए। उन्होने सदन को बताया कोविडकाल में प्रवासी मजदूरों की घर वापिसी के लिए सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की जिसके चलते चित्रकूट विस क्षेत्र के तकरीबन ढाई हजार लोगों के खाते में पैसे डाले गए तब वे वापस आ सके।
पूंजीवाद का परफार्मेंस
चित्रकूट विधायक ने सरकार के परफार्मेंस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पेट्रोल, डीजल व दैनिक उपयोग की वस्तुओं को महंगी कर सरकार ने जिस प्रकार से जनता को तकलीफे पहुंचाई हैं, उससे ऐसा लग रहा है कि सरकार जनता के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए परफार्म कर रही है।
कहां हैं लोकल रोजगार
स्थानीय रोजगार का सवाल उठाते हुए नीलांशु चतुर्वेदी ने पूछा कि लोकल रोजगार कहां है, जबकि सरकार दावा कर रही है कि लाखों लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मुहैया करा दिया गया है। उन्होने कमलनाथ सरकार के उस निर्णय का स्मरण कराया जिसमें स्थानीय उद्योगों को 70 फीसदी स्थानीय बेरोजगारों को रोजगदार देने के निर्देश दिए गए थे। चित्रकूट विधायक ने कहा कि सतना सीमेंट हब है जहां कई सीमेंट फैक्ट्रिया हैं, लेकिन इनमें स्थानीय लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। विधायक ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार इन उद्योगों में 70 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का नियम बना दे बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल जाएगा और उन्हें रोजगार के लिए पलान नहीं करना पड़ेगा।