मध्यप्रदेश बजट 2021-22: बजट में नहीं मिली कोई राहत
2.41लाख करोड़ का बजट
बजट मेें हर वर्ग को खुश करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कुल 2 लाख 41 हजार 375 करोड़ का बजट पेश किया
2441 नई सड़कें मिलेंगी
नए बजट में प्रदेश में 2441 नई सड़कें बनाने का प्रावधान किया जाएगा। 65 नए पुल बनाए जाएंगे। इसके साथ ही 105 आरओबी बनाए जाएंगे। पीडब्ल्यूडी के लिए 7341 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
निरामय नाम से योजना लागू होगी
वित्तमंत्री ने बताया कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए मिशन निरामय योजना लागू की जाएगी। प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेज श्योपुर, राजगढ़, मंडला, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर,दमोह, छतरपुर, सिवनी में खोले जाएंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि दो इंजीनियरिंग और 5 पोलिटेक्निक को स्कूल आॅफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।
हर घर में पहुंचेगा पानी
जल संसाधन में 6436 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि जल जीवन मिशन से हर घर में पेयजल पहुंचाया जाएगा। 5000 करोड़ रुपए ग्रामीण परियोजना के लिए स्वीकृत किए गए। शहरी जल जीवन मिशन का गठन किया जाएगा। 5962 करोड़ रुपए पेयजल पर खर्च होंगे।
कानून में बदलाव
प्रदेश सरकार ने आम लोगों से जुड़े कामों को सरल बनाने के लिए लोक सेवा गारंटी कानून में बड़ा बदलाव किया है। लोकसेवा गारंटी योजना के तहत आने वाली आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, नल-बिजली कनेक्शन, इलाज राशि की मंजूरी सहित 258 से ज्यादा योजनाओं अगर नियत समय पर अनुमति नहीं मिली तो खुद ही अनुमति जारी हो जाएगी।
भोपाल | महंगाई की मार झेल रही आम जनता को मप्र बजट में निराशा हाथ लगी है। कोरोना काल में महंगाई की मार से जूझ रही जनता पर सरकार ने कोई कर तो नहीं लगाया पर उन्हें कोई राहत भी नहीं दी है। मध्यप्रदेश सरकार का वर्ष 2021-22 का बजट वित्त मंत्री जदगीश देवड़ा ने पेश किया। डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा में पेपरलेस बजट पेश किया गया। एमपी सरकार का कुल बजट 2 लाख 41 हजार 375 करोड़ का बजट है। इसमें व्यय का अनुमान 2 लाख 17 हजार 123 करोड़ रुपए है। कुल राजस्व घाटा 8 हजार 294 करोड़ और सकल घरेलू उत्पाद से राजकोषीय घाटे का 4.50% का अनुमान है। 2021-22 में राज्य के राजस्व में 22% की वृद्धि और राजस्व व्यय में 9% वृद्धि अनुमानित है।
मध्यप्रदेश में जल्दी ही नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बजने वाला है। राज्य निर्वाचन आयोग नगरीय निकायों के साथ ही पंचायतों के चुनाव कराने की तैयारी में है। चुनाव से ठीक पहले आए शिवराज सरकार के आत्मनिर्भर बजट में की गई कई घोषणाओं को स्थानीय निकाय चुनाव के नजरिए से देखा जा रहा है। इसकी वजह यह भी है कि सरकार ने पेयजल संकट के निदान के लिए जल-जीवन मिशन के बजट में 337% की वृद्धि करना है। कर्मचारियों के एरियर्स की रशि देने का वादा भी किया गया है। प्रदेश में 2 हजार किलोमीटर सड़कों का जाल फैलाने के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। सरकार ने 10 लाख कर्मचारियों को 7वें वेतनमान की शेष 75% राशि का वादा बजट में किया है। वहीं किसानों किसानों को किसान कल्याण योजना के द्वारा हर वर्ष 10 हजार रुपए दिए जाएंगे।
मध्यप्रदेश सरकार के बजट को झूठ का पुलिंदा, दिशाहीन, निराशाजनक और सिर्फ आंकड़ों का मायाजाल है। उम्मीद थी कि इस बजट में पेट्रोल-डीजल की कीमतों से जनता को राहत प्रदान करने के लिए वैट में सरकार कमी करेगी, पंजीयन शुल्क में कमी होगी लेकिन नहीं की। बजट में इंदौर- भोपाल मेट्रो ट्रेन के लिए अपर्याप्त राशि है। रोजगार , एमएसईमई, प्रदेश में निवेश बढ़ाने को लेकर कोई कार्ययोजना नहीं , प्रति व्यक्ति घटी आय व विकास दर को बढ़ाने को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पुरानी योजनाओं को ही वापस शामिल कर गुमराह करने का प्रयास किया गया है।
कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री
आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश को प्रगति पथ पर ले जाएगा। मध्यप्रदेश तेज गति से आत्म-निर्भरता के मार्ग की तरफ बढ़ेगा। गत वर्ष की तुलना में नए वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में 42 प्रतिशत की वृद्धि, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए नौ नए मिशन और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाले बुनियादी क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान इस बजट की विशेषता है। यह बजट 'सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया' के ध्येय वाक्य को क्रियान्वित करने का माध्यम है। बजट को जन-आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का प्रतीक मान सकते हैं। यह बजट सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है। इससे कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बाद क्षतिग्रस्त हुई अर्थ-व्यवस्था को पुन: खड़ा कर आम लोगों का हित संवर्धन सुनिश्चित होगा।
शिवराज सिंह चौहान , मुख्यमंत्री