आईपी-सीएल बकायादार उपभोक्ताओं के बैंक खाते होंगे सीज

सतना | तामाम हथकंडे अपनाने के बाद भी जब पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी अपने बकायादर उपभोक्ताओं से अपना राजस्व वसूलने में कामयाब नहीं हुई तो अब देनदारों के बैंक खाते सीज करने जा रही है। देनदारों के खाते में जमा राशि को सीज करके कंपनी अपना पैसा वसूल करेंगी। ये कार्रवाई आइपी और कामर्शियल उपभोक्ताओं के लिए होगी। सतना में इसकी तैयारी गुरुवार से की जा रही है। बिजली बिल न देने वालों के विरूद्ध अब ये सीधा एक्शन सरकार के निर्देश पर लिया जाएगा। हालांकि अभी इसमें घरेलू उपभोक्ताआें को शामिल नहीं किया गया है। राजस्व का आंकड़ा बढ़ाने में बिजली कंपनी जुटी हुई है। जो कुर्की और डिस्कनेक्शन से संभव नहीं हो सका उसे बैंक खाते की राशि को राजसात कर कंपनी पैसा वसूल करेगी। ये केवल सतना में नहीं पूरे प्रदेश में चलेगा।

निशाने पर इंडस्ट्रियल-कामर्शियल उपभोक्ता
जानकार बताते हैं कि कंपनी को सरकार से भी सब्सिडी की राशि समय पर नहीं मिल रही है और उपभोक्ता अपनी देनदारी दे नहीं रहे लिहाजा राजस्व जो वसूलना है वो सतना में 200 करोड़ तक जा पहुंचा है अब साल  के आखिरी वित्तीय वर्ष में राजस्व का आंकड़ा बढ़ाने में बिजली कंपनी जुटी हुई है। अफसरों को लगातार लक्ष्य दिया जा रहा है। अब बैंक खाते सीज कर पैसा वसूलने में कंपनी के निशाने पर इंडस्ट्रियल-कामर्शियल उपभोक्ता हैं। इनके बैंक खाते सीज किए जाने है,इसके लिए कंपनी से फरमान जारी हुआ है। लिहाजा सतना के पांचो डिवीजन अधिकारी कवायद में जुटे हैं। सिटी के साथ चार ओएण्डएम डिवीजनों में भी इंडस्ट्रियल-कामर्शियल उपभोक्ताओं में बकायादारी करोड़ो में है।

टारगेट में 50 से 1 लाख तक
विद्युत कंपनी के सतना सर्किल में आने वाले सभी डिवीजनों बैंक खाते सीज कर पैसा वसूला जाना है। कंपनी के टारगेट में 50 हजार से 1 लाख व उसके उपर वाले बकायादार हैं। जानकारी के अनुसार जो एक लाख या उसके उपर के देनदार है उनके तो सीधे खाते सीज किए जाने हैं जबकि 50 हजार के आईपी कनेक्शन धारियों के खिलाफ कुर्की और खाता सीज दोनो कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि इसके पहले उपभोक्ता को सूचना दी जाएगी पर बिल भुगतान के लिए ज्यादा समय नहीं मिलेगा। उपभोक्ताओं को नोटिस देकर आगाह किया जाएगा या फोन पर संपर्क कर कार्रवाई की जानकारी दी जाएगी। इतना ही नहीं जिनके बैंक खातों में पैसे नहीं होंगे उनके प्रतिष्ठान पर कंपनी का सरकारी ताला लग जाएगा।

जारी रहेगी मकान-दुकान की कुर्की
बैंक खाते सीज करने की कार्रवाई तो इंडस्ट्रियल-कामर्शियल उपभोक्ता के लिए है जबकि घरेलू और पंप उपभोक्ताओं के लिए कुर्की की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। बड़े बकायादारों की संपत्ति कुर्क की जाएगी वो चाहे मकान-दुकान हो या गाड़ी वाहनों के साथ कूषि कार्य में लगी हुई जमीन क्यों न हो...? अकेले सतना शहर की बात करें तो इंडस्ट्रियल-उपभोक्ताओं में 15 उपभोक्ता है जो एक लाख के उपर वाले हंै और उनकी देनदारी 34 लाख 40 हजार है। कामर्शियल उपभोक्ता सिटी में 50 हैं और 1 लाख के उपर देनदारी 93 लाख 7 हजार है। इनके खाते सीज होना तय हैं।

बैंकों को जारी होगा पत्र
कंपनी के अािकारियों द्वारा बकायादार उपभोक्ता के बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। उनके आधार के जरिए बैंक से डिटेल मांगने के लिए पत्र लिखा जा रहा है। यदि ऐसा हुआ तो उपभोक्ताओं के सीधे बैंक खाते ही सीज हो जाएंगे। बिजली का बकाया बिल भरने के बाद ही खातों से उपभोक्ता लेनदेन शुरू कर पाएगा। इतना ही नहीं अपने स्तर पर जिस खाते से कभी उपभोक्ता आरटीजीएस किया होगा या उसके कनेक्शन नंबर में लगे पासबुक से भी खाते की जानकारी ली जाएगी।

इंडस्ट्रियल-कामर्शियल उपभोक्ता जो बिल नहीं जमा कर रहे हैं उनके बैंक खाते सीज किए जाएंगे और बिल वसूला जाएगा। इसके लिए बैंकों को पत्राचार किया जा रहा है और उपभोक्ताओं के खातों की डिटेल ली जा रही है।
राजकुमार पांडे, डीई सिटी