मई से नहीं मिला मानदेय, अतिथि विद्वानों ने विवि का किया घेराव

रीवा | अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों ने प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन का रुख अपना लिया है। बीते कई महीनों से तनख्वाह जारी करने का पत्राचार करने के बाद भी जब उनको मानदेय नहीं मिला तो विवि के सभी गेस्ट फेकेल्टी ने आंदोलन का रास्ता चुना। बुधवार को विश्वविद्यालय के प्रशासकीय भवन में सुबह 10.30 बजे पहुंचकर अतिथि विद्वानों ने परिसर का घेराव किया और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। सारी फसाद की जड़ वित्त नियंत्रक प्रवीण सिंह के अवकाश में होने को बताई जा रही है। दरअसल वित्त नियंत्रक अवकाश पर गए हुए हैं जिसके कारण भुगतान की फाइलें अटकी हुई हैं जिसमें से एक अतिथि विद्वानों के मानदेय की फाइल भी है। 

हफ्ते भर करते रहेंगे प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान अतिथि विद्वानों ने कुलपति से भी मुलाकात की। कान्फ्रेंस हाल में पहुंचकर कुलपति प्रो. एनपी पाठक से अतिथि विद्वानों ने अपनी शिकायत की और मानदेय न जारी होने की समस्या बताई। ऐसे में कुलपति ने अतिथि विद्वानों को वित्त नियंत्रक के छुट्टी से लौटने के बाद तुरंत भुगतान करने का आश्वासन दिया मगर गेस्ट फेकेल्टी ने प्रस्ताव खारिज कर दिया और वित्त नियंत्रक की छुट्टी खत्म होने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही। अतिथि विद्वानों का कहना है कि उन्हें जब तक मानदेय नहीं मिल जाता उनका धरना जारी रहेगा। अगर वित्त नियंत्रक 7 दिसम्बर के बाद भी नहीं आए तो उनका भुगतान फिर से टल जाएगा।

मानसिक अवसाद से जूझ रहे हैं अतिथि विद्वान
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में अध्यापन का जिम्मा अतिथि विद्वानों के ही कंधे पर है। क्योंकि स्वीकृत पदों के विरुद्ध नियमित प्राध्यापकों की संख्या काफी कम है और उनकी जगह पर अतिथि विद्वान ही काम कर रहे हैं। सात महीने से वेतन न मिलने से अतिथि विद्वान मानसिक अवसाद का शिकार हो रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना काल में बड़े-बड़े लोगों की हालत खस्ता हो गई। ऐसी परिस्थिति में जिन लोगों को सात महीने से एक रुपए भी नसीब नहीं हुआ हो उनका क्या हाल होगा। जाहिर है कि मानदेय न मिलने से अतिथि विद्वानों में काफी नाराजगी है जिसके कारण वह प्रदर्शन करने पर उतारू हैं।