आशा व सहयोगियों के लिए सरकार ने खोला मदद का पिटारा
सतना | स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली आशा कार्यकर्ता और आशा सहयोगियों के लिए प्रदेश सरकार ने मदद का पिटारा खोला है और उनको शासन की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ दिलाने आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी किए गए हैं। उनको इलाज के साथ जो आंगे पढ़ाई करना चाहेंगी उनको ये सुविधा मुफ्त मिलेगी तो यदि इनके बच्चे बोर्ड परीक्षाओं में कम से कम 60 अंक अर्जित करेंगे तो उनको स्मार्ट क्लासेज मुहैया कराई जाएंगी। योजनाओं में बच्चों के साथ पति को भी मुफ्त सुविधाएं सरकार देने जा रही है। अस्पताल में भर्ती होने के साथ 281 रुपया रोजाना और यदि वह किसी भी दुर्घटना में दिव्यांग होती है तों 2 हजार रुपया महीना दिया जाएगा।
शिक्षा के लिए ये है योजना
आशा कार्यकर्ता या सहयोगी जो 8वीं पास है और आंगे पढ़ना चाहती हैं तो दो हजार रुपया और 10वीं पास आंगे पढ़ने पर 5 हजार रुपया। 12वीं के बाद स्रातक और कोई तकनीकी डिप्लोमा करना है तो 8 हजार और पीजी के लिए 10 हजार दिया जाएगा। इसके लिए दस्तावेजों के आधार पर आवेदन करना होगा जो स्वास्थ्य समिति के द्वारा मंजूर किया जाएगा। वहीं आशा व सहयोगियों के बच्चे जो 10वीं में 60प्रतिशत अंक लाने वालों को पढ़ाई में लगने वाली सामग्री के लिए 5 हजार तो 12वी के बाद के लिए 8 हजार रुपया दिया जाना है। शर्त ये है कि दो जीवित संतानों पर ये योजना दस्तावेज देने पर लागू होगी। लेकिन यदि कोई स्कॉलरशिप मिलती है तो योजना के पात्र नहीं होंगे।
मातृत्व अवकाश में भी लाभ
किसी भी आशा कार्यकर्ता व सहयोगी को मातृत्व अवकाश की पात्रता होगी। इनको प्रसव के पूर्व 6 माह का अवकाश मिलेगा तो हर माह दो हजार रुपए की आर्थिक मदद भी सरकार देगी। लेकिन उनको अपने घर में रह कर रूटीन काम करने होंगे। तभी उनको इंसेंटिव की पात्रता होगी।
स्वाबलंबन पेंशन
55 साल से कम की आशा व सहयोगी को केंद्र सरकार की स्वाबलंबन पेशन योजना से भी जोड़ा जाएगा। इनके द्वारा की गई बचत और सरकारी अंशदान के आधार पर 60 साल के बाद योजना के तहत जमा राशि मासिक पेंशन या एक मुश्त भी प्राप्त हो सकेगी। जिनको स्वाबलंबन की पात्रता नहीं है उनको 60 साल बाद 20 हजार की राशि दी जाएगर जो वृद्धावस्था सहायता कहलाएगी। आशाओं के साथ विभाग स्तर पर या कार्य क्षेत्र में छेंड़छाड़ जैसी घटनाएं होती है इसके निराकरण के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी।