मंडी शुल्क की छूट समाप्त फिर आंदोलन करेंगे गल्ला कारोबारी
सतना | पिछले साल दो बार हुए आंदोलन के बाद प्रदेश सरकार द्वारा मंडी शुल्क की दर डेढ़ रुपये से घटाकर 50 पैसे करने संबंधी तीन माह की अवधि 14 फरवरी को समाप्त हो गई। अब मंडी में एक बार फिर पुरानी दर पर मंडी शुल्क की वसूली शुरू हो जाने से मंडी में कारोबार करने वाले व्यापारियों में सरकार के प्रति असंतोष देखा जा रहा है। मंडी व्यापारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने हमारे साथ धोखा किया है। प्रदेश स्तर पर बात चल रही है और यदि सरकार ने पुन: शुल्क नहीं घटाया तो प्रदेश व्यापी आंदोलन होगा।
अंदोलन समाप्त करने दी थी छूट
यहां उल्लेखनीय है कि सितबंर और अक्टूबर में मप्र सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के बैनर तले प्रदेश व्यापी काम बंद हड़ताल हुई थी। इसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा मंडी शुल्क की दरें डेढ़ रुपये से घटाकर 50 पैसे करने का आश्वासन दिया गया था। दीपावली से ये दरें प्रभावी भी हो गईं थीं। लेकिन बाद में पता चला कि दरें तीन माह के लिये घटाई गई हैं। बाद में होने वाली आय को देखते हुए इसे आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। तीन माह की छूट की यह अवधि खत्म हो गई है। यह छूट 14 फरवरी तक के लिए दी गई थी। छूट अवधि को तीन माह और बढ़ाने की मांग को लेकर एक बार फिर व्यापारी आंदोलन की राह पर है।
स्थानीय व्यापारियों के नेताओं का कहना है कि प्रदेश स्तर पर मप्र सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ आंदोलन की रणनीति बना रहा है। पिछले दिन महासंघ समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने अवधि बढ़ाने के लिए कृषि मंत्री कमल पटेल व मंडी बोर्ड की एमडी प्रियंका दास से मुलाकात की थी। इसके बावजूद छूट जारी नहीं रखी गई। इसलिए फिर से आंदोलन करने की रणनीति तैयार की जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया है और उनके द्वारा कैबिनेट में इस मुद्दे पर निर्णय लेने का आस्वासन दिया है। व्यापारी संघ का कहना है कि एक सप्ताह के अंदर या तो छूट लागू होगी अथवा काम बंद हड़ताल होगी।
सीएम ने व्यापारियों को गुमराह किया है। छूट की अवधि बढ़ाने को लेकर महासंघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से चर्चा की है। यदि जल्द ही शुल्क छूट को पुन: लागू नहीं किया जाता तो प्रदेश व्यापीर आंदोलन होगा।
पुष्पेन्द्र द्विवेदी ‘दादू’, अध्यक्ष गल्ला तिलहन व्यापारी संघ
प्रदेश के साथ यूपी व अन्य स्थानों पर भी मंडी शुल्क में रियायत दी गई थी जो अभी भी जारी है। सिर्फ प्रदेश में उसे वापस लिया गया है। यह गलत है और व्यापारियों के साथ धोखा है। छूट की अवधि जारी रहनी चाहिए।
राजेन्द्र शर्मा, अध्यक्ष कृषि उपज व्यापारी संघ