रंगे हाथ पकड़ा गया विवि के निर्माण शाखा का इंजीनियर

रीवा | अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में निर्माण शाखा के इंजीनियर को लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। स्वर्ण जयंती समारोह में कराए गए आठ लाख के निर्माण कार्य के बिल पास करने के लिए संविदाकार से 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। बुधवार को लोकायुक्त की टीम ने विवि के निर्माण शाखा इंजीनियर को संविदाकार से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में पार्क एवं नाली निर्माण के लिए कराए गए कार्य के बिल पास करने के लिए निर्माण शाखा के जूनियर इंजीनियर कृष्णमोहन त्रिपाठी ने ठेकेदार सुतीक्षण सोहगौरा से 50 हजार रुपए की मांग की थी। जिसकी शिकायत संविदाकार द्वारा लोकायुक्त एसपी से किए जाने के बाद शिकायत के सत्यता की जांच की गई।

बुधवार को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र वर्मा के निर्देशानुसार डीएस मरावी के नेतृत्व में 20 सदस्यीय टीम द्वारा की गई छापामार कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय की निर्माण शाखा में पदस्थ जूनियर इंजीनियर कृष्णमोहन त्रिपाठी को 50 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त पुलिस ने इन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

एसडीओ के लिए 40, खुद के लिए मांगे थे 10 हजार
निर्माण शाखा के जूनियर इंजीनियर कृष्णमोहन त्रिपाठी ने ठेकेदार सुतीक्षण सोहगौरा से कार्य का बिल पास कराने के लिए एसडीओ के नाम से 40 हजार रुपए तथा खुद के लिए 10 हजार रुपए की मांग की थी। गौर करने वाली बात यह है कि पार्क एवं नाली निर्माण में किए गए 16 लाख रुपए के टेण्डर पर संविदाकार ने कार्य तो पूरा करा दिया  था परंतु भुगतान मात्र 8 लाख रुपए का हुआ था। वर्ष 2017 में कराए गए निर्माण कार्य का शेष 8 लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान कमीशन न देने के चलते नहीं किया गया था।

बताया गया है कि इंजीनियर कृष्णमोहन द्वारा चार वर्ष से ज्यादा समय तक संविदाकार का भुगतान रोककर रखा था। ऐसी स्थिति में जब भुगतान नहीं हो सका तब ठेकेदार सुतीक्षण सोहगौरा ने घूस मांगने की शिकायत लोकायुक्त एसपी राजेन्द्र वर्मा से की थी। शिकायत की सत्यता को जानने के बाद बुधवार को अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के निर्माण शाखा में लोकायुक्त की टीम ने छापा मार कार्रवाई कर घूसखोर जूनियर इंजीनियर कृष्ण मोहन को रंगे हाथ पकड़कर कार्रवाई की है।

विभाग में मचा हड़कम्प
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के निर्माण शाखा में बुधवार की सुबह लोकायुक्त की पहुंची टीम को देखते ही विभागीय अधिकारियों में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई। अपनी सीट पर बैठे जूनियर इंजीनियर कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने जैसे ही शिकायतकर्ता सुतीक्षण सोहगौरा (चुन्नू) से रिश्वत के नाम पर मांगी गई 50 हजार रुपए की राशि लिए, लोकायुक्त की टीम ने धर दबोचा। इस दौरान श्री त्रिपाठी द्वारा काफी मिन्नतें की गर्इं परंतु लोकायुक्त पुलिस ने उनसे न केवल रिश्वत के नाम पर ली गई 50 हजार रुपए की राशि बरामद की है बल्कि मौके पर उनका हाथ धुलाया गया।  दिन भर चली कार्रवाई के बाद मौके से जब्ती बनाई गई एवं कृष्णमोहन त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।

दो माह में तीन ट्रेप, दो छापे
लोकायुक्त पुलिस ने नए वर्ष के दो महीनों में तीन ट्रेप की कार्रवाई एवं दो छापे की कार्रवाई की है। जबकि पिछले वर्ष भी की गई कार्रवाई में एक दर्जन से ज्यादा छापे की कार्रवाई एवं 70 से ज्यादा टेÑप की कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेन्द्र वर्मा द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि वर्ष 2021 में दो बड़े छापे की कार्रवाई की गई है। जिसमें मण्डी सचिव हरिशंकर तिवारी एवं पंचायत सचिव के यहां छापामार कार्रवाई में करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा किया गया है।

वहीं जो ट्रेप की कार्रवाई इस वर्ष की गई है उसमें तीन बड़े ट्रेप बताए गए हैं। जिनमें ट्राफिक सुबेदार अमित विश्वकर्मा से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था। वहीं बुधवार को विश्वविद्यालय के निर्माण शाखा में पदस्थ जूनियर इंजीनियर कृष्णमोहन त्रिपाठी को भी 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रेप किया गया है। लोकायुक्त की लगातार की जा रही कार्रवाई के बाद भी भ्रष्टाचार में कमी आने का नाम नहीं ले रही है।  हालांकि कार्रवाई को देखते हुए भ्रष्टाचारी अधिकारियों, कर्मचारियों में हड़कम्प की स्थिति जरूर देखी गई है।