सचिव की मौत: सीएमएचओ का दावा, नहीं लगी वैक्सीन

सतना | पंचायत सचिव की मौत के बाद बवाल मचा हुआ है। आरोप रहा है कि कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद से ही सचिव की तबियत नासाज हुई और उसके बाद रीवा में उसकी मौत हो गई। इस बीच सतना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने दावा किया है कि ग्रामीण विकास के मृतक कर्मचारी को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगाई गई है। कोरोना टीकाकरण के कोविन पोर्टल में भी सचिव शिवांश द्विवेदी का नाम नहीं है जिससे यह तय माना जा रहा है कि उसका टीकाकरण नहीं हुआ है और टीके से मौत की बात महज अफवाह है।

रीवा में हुई है मौत
जनपद पंचायत मझगवां के गोपालपुर पंचायत सचिव शिवांश द्विवेदी की मौत रीवा में 21 फरवरी की रात होना बताया जा रहा है। ऐसी बात कही जा रहीं थी कि मझगवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सचिव का कोरोना टीकाकरण हुआ और उसके बाद उसके स्वास्थ्य में प्रतिकुल प्रभाव पड़ने की वजह से तबियत खराब हुई और पहले सतना उसके बाद डॉक्टरों ने उसे रीवा रेफर कर दिया था जहां उसने दम तोड़ दिया। अब सीएमएचओ  डॉ अशोक अवधिया ने बताया है कि  गोपालपुर ग्राम पंचायत के सचिव शिवांश द्विवेदी को कोविड वैक्सीन नहीं लगाई गई है। इस संबंध में सीएमएचओ ने बीएमओ से जवाब तलब किया था। 

कोविन सेशन समरी में था नाम पोर्टल में नहीं
सीएमएचओ के कहने पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगवां डॉ तरूण कांत ने अपने प्रतिवेदन में उल्लेख किया है कि 18 फरवरी के टीकाकरण सत्र के लिये आमंत्रित लोगो में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगवां की साइट पर कोविन सेशन समरी में शिवांश सहित 108 हितग्राहियों के नाम दर्ज थे,लेकिन शिवांश द्विवेदी टीकाकरण के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगवां नहीं आए और ना ही उनके द्वारा टीकाकरण कराया गया है। टीकाकरण नहीं कराने पर एक बार फिर 20 फरवरी को सचिव द्विवेदी का नाम टीकाकरण सूची में शामिल हुआ था। हालांकि इस दिन भी वह टीकाकरण के लिये उपस्थित नहीं हुए। बीएमओ डॉ त्रिपाठी ने 18 से 20 फरवरी तक टीकाकरण के लिये चयनित और टीकाकरण करा चुके लाभार्थियों की कोविन पोर्टल में दर्ज सूची भी प्रतिवेदन के साथ संलग्न कर प्रेषित की है। जबकि टीका लगवा चुके हितग्राहियों में सचिव का नाम नहीं है।

पीएम भी नहीं हुआ
गोपालपुर के पंचायत सचिव शिवांश द्विवेदी की मौत के बाद परिजनों ने वैक्सीन पर सवाल उठाए और आरोप स्वास्थ्य विभाग पर लगाया। विभागीय दावों के अनुसार आरोप मिथ्या हैं पर दूसरी ओर सूत्र बताते हैं कि परिजनों ने डेड बॉडी का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया है। पीएम होने से मौत की असली वजह रिपोर्ट में सामने आती पर पीएम कराया ही नहीं गया है। हालांकि सतना में अब तक कोरोना टीका लगने के बाद किसी की मौत होने का मामला सामने नहीं आया है। जबकि अब तक 15 हजार से अधिक को टीका लगया गया है और दूसरे डोज की वैक्सीन भी दी जा रही है।

पंचायत सचिव की मौत की जानकारी मिली थी। हमने इस मामले में बीएमओ से प्रतिवेदन मांगा था जो दिया गया है। सचिव को सीएचसी में कोरोना की वैक्सीन नहीं लगाई गई और न तो उनका नाम पोर्टल में है इसकी भी जांच कराइ गई है। सचिव का नाम टीकाकरण के लिए था पर लगवाया नहीं।
डॉ. एके अवधिया, सीएमएचओ