दस्तक का आगाज: मासूमों को मिली विटामिन-ए की खुराक

सतना | स्वास्थ्य विभाग के अति महत्वाकांक्षी दस्तक अभियान का आगाज सोमवार को किया गया। सतना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ महिला बाल बिकास अधिकारी व एपीएम शहर-एमएनई ने बच्चों को बिटामिन -ए की खुराक पिलाकर दस्तक का शुभारंभ किया । सतना में सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम अधिकारियों के साथ शहर के जवाहर नगर स्थित वन स्टाप सेंटर पहुंच कर मासूमों को बिटामिन पिलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया। जबकि पूरे जिले में सीएचएसी-पीएचसी लेवल पर पहले दिन आंगनबाडी में भी अभियान को चलाया गया।

दस्तक अभियान के बारे में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सतेन्द्र सिंह बताते हैं कि दस्तक  का मुख्य उद्देश्य समुदाय स्तर पर पांच वर्ष तक बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों का पता लगाना है जिसमें गंभीर कुपोषण, गंभीर एनीमिया, निमोनिया, दस्त, निर्जलीकरण जैसे खतरे के लक्षणों के अलावा नवजात विकृतियों तथा अन्य बीमारियों की  पहचान स्क्रीनिंग से कराना है और बीमारी सामने आने पर उसका त्तकाल प्रबंधन  करना है। 

खून के साथ की गई निमोनिया डायरिया की जांच
दस्तक अभियान में जन्म से पांच साल तक बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर उनको उचित सलाह देकर गंभीर होने पर जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रेपफर कराना है। पहले दिन आंगनबाड़ियों व अस्पतालों में ही बच्चों को दवा पिलाई गई जबकि मौके पर आए मासूमों के खून की जांच के साथ डायरिया व निमोनिया के लक्षणों की पड़ताल कराई गई है। दस्तक के पहले दिन कोई भी गंभीर बीमार बच्चा नहीं मिला है।

तब होगी बाल मृत्यू दर में कमी
बाल मृत्यु दर में सतना भी टॉप-10 में ही आता है। दस्तक का एक प्रमुख उद्देश्य ये भी है कि बाल मृत्यु दर में कमी लाना है। इसके लिए एएनएम के साथ टीम मैदान में उतारी जाएगी और एक -एक बच्चे की स्क्रीनिंग कराई जानी है। ताकि बीमारी का समय पर उपचार न होने के कारण मौत न हो। अभियान के दौरान बीमार नवजातों एवं बच्चों की पहचान बाल कालीन निमोनिया की त्वतरित पहचान 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग व प्रबंधन, स्तनपान, दस्त रोग के नियंत्रण के लिये ओआरएस व जिंक गोली के उपयोग संबंधी समझाईश।

0 से 5 वर्ष के समस्त बच्चों को बिटामिन अनुपूरण, समुचित शिशु एवं बाल आहार पूर्ति व्यवहार को बढ़ावा एसएनसीयू व एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग जो टीकाकरण से रह गए उनको टीका लगाना है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आमजनों से अपील की है कि वह अपने 0 से 5 वर्ष के बच्चों को दस्तक दल घर पर भ्रमण के दौरान जांच जरूर कराएं,ताकि सेहत के लिये बाल सुरक्षा व बाल मृत्यु दर कम की जा सके।