बसंत पंचमी अमंगल , 47 यात्रियों की जल समाधि

सतना मंगलवार को विंध्य में हुए एक दर्दनाक हादसे ने समूचे  देश को झकझोर कर रख दिया। बसंतोत्सव के उल्लास के साथ नींद की आगोश से निकले रीवा-सीधी सतना के लोगों को ऋतुराज के सुर्ख रूप का दीदार करना पड़ा। छुहिया घाटी के लम्बे जाम को धता बताकर बाणसागर नहर के एकांगी मार्ग से फर्राटे भरती सतना जा रही यात्री बस नहर में समा गई। इस हादसे में मरने वालों की संख्या 47 पहुंच गई है। मृतकों में अधिकांश युवक है जो प्रतियोगी परीक्षा देने सतना जा रहे थे। गंतव्य तक पहुंचने की चुनौती इनकी जिंदगी निगल गई। समूचे विंध्य को मातम में पहुंचाने वाली इस दुर्घटना से प्रकृति भी व्यथित हो उठी। अचानक आसमान में बादल घूमड़ आए और तेज हवायें लोगों को डराने लगी थी।

शरदा गांव के स्थानीय जांबाज युवक-युवतियों ने आनन-फानन नहर में छलांग लगा कर डूबते-उतराते दर्जन भर लोगों की जान बचाई। जबकि चालक खुद की जान बचाकर बस से पहले ही कूद गया था। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहुंची। हादसे के दो घंटे बाद बचाव कार्य शुरू हुआ। तब तक बस के अंदर फंसे यात्रियों को मौत निगल चुकी थी। 

किसे पता था ये आखिरी सफर होगा
परिहार ट्रेवल्स की बस में टिकट लेकर गंतव्य को प्रस्थान करने वाले इन 50 यात्रियों में कदाचित किसी को यह आभास नहीं रहा कि यह उनका आखिरी सफर  होगा। हादसे में बचे यात्रियों की मानें तो रामपुर से निकली बस में कोई अपनों से यात्रा की लोकेशन बताकर फोन पर बाद में बात करने को कह रह था तो कोई गाने और वीडियो देखकर यात्रा का आनंद उठा रहा था। उसमें सवार अधिकांश परीक्षार्थी थे जिनके चेहरे पर परीक्षा की चिंता की लकीरें उभरी थी साथ ही समय पर पहुंचने का तनाव झलक रहा था। कोई बसंती बयार में मधुर धुनों पर सीट में बैठा संगीत का आनंद ले रहा था। कुछ ऐसे भी थे जो पास में बैठे यात्री से जान पहचान बढ़ा रहे थे। अनेक मनोदशा से भरे बस के माहौल को सुबह की शीतल हवा के झोंके सहलाते रहे इसी बीच चालक की लापरवाही से बस नहर में समा गई और दर्जनों यात्रियों के सफर का अंत हो गया।

रामपुर सीएचसी में लगा लाशों का ढेर
कदाचित म.प्र. के इतिहास में ऐसे बहुत कम स्वास्थ्य केन्द्र होंगे जहां एक साथ लाशों का पीएम करने का दुखद मंजर देखने को मिला हो। रामपुर नैकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नहर से निकाल गए शवों का ढेर देखकर न केवल आमजन कुपित नजर आया वरन ड्यूटीरत चिकित्सक भी हतप्रभ रहे। नहर से निकाल गए शव वाहनों से संभागायुक्त रीवा डॉ. जैन के निर्देश पर पीएम के लिए सीएचसी रामपुर नैकिन वाहनों से ले जाये गए थे। 

नहर में बस के समा जाने से 47 लोगों की मौत हो गई है। बड़ा दुखद मामला है। मैं अभी घटना स्थल पर ही हूं। सभी शव का पीएम कराकर उन्हें रवाना कर दिया गया है।
डॉ. राजेश कुमार जैन, संभागायुक्त रीवा

एसपी सीधी द्वारा दी गई जानकारी के बाद मैं मौके पर पहुंच गया था। यह दुखद घटना है। रेसक्यू के लिए गोताखोरों एवं एनडीआरएफ की सहायता से 47 शवों का पीएम कराकर उन्हें भेज दिया गया है।
उमेश जोगा, आईजी रीवा

हादसे के शुरूआती समय में स्थानीय लोगों व रेस्क्यू टीम की मदद से 7 जान बचाना सुखद रहा। हालांकि हम अन्य यात्रियों की जान नहीं बचा सके। इसका दु:ख है। भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए कठोर कार्रवाई की जाएगी।
रीति पाठक, संसद सदस्य सीधी

सीधी में बस के नहर में डूबने से हुई दुर्घटना में यात्रियों की मृत्यु दुखद घटना है। ईश्वर मृत आत्माओं को शांति दें। परिजनों के प्रति संवेदना।
जनार्दन मिश्र, सांसद रीवा

उच्चस्तरीय जांच हो  
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने आज सबेरे सीधी में रामपुर थाना क्षेत्र में पटना पुल के पास नहर में बस गिरने की घटना को हृदय विदारक बताते हुये गहरा दु:ख जताया है। उन्होंने दुर्घटना में मृत यात्रियों की आत्मा की शांति के लिए परमात्मा से प्रार्थना करते हुये मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त की है। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बस दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुये पीड़ित परिवारों को दस दस लाख रुपए की सहायता राशि दिये जाने की मांग शासन से की है। 

सरकार परिजनों के साथ  
सीधी जिले में बाणसागर नहर पर हुई बस दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए सांसद गणेश सिह ने कहा कि घटना अत्यंत दु:खद है। इस दुखद घटना से पूरे क्षेत्र में दु:ख की लहर दौड़ गई है। घटना पर पूरी नजर रखी जा रही है। एनडीआरएफ के 20 जवान इस रेस्क्यू आॅपरेशन में काम कर रहे हैं। दु:ख की इस घड़ी में हम शोक संतृप्त परिजनों के साथ हैं।

मृतकों में ये रहे शामिल
बस दुर्घटना में श्रीमती विमला द्विवेदी पति रामसुमिरन द्विवेदी उम्र 50 वर्ष निवासी रामपुर नैकिन, प्रिया तिवारी पिता राजेन्द्र तिवारी उम्र 20 वर्ष निवासी बरौं विकासखंड रामपुर नैकिन, जिमेस तिवारी पिता बुद्धसेन तिवारी उम्र 32 वर्ष निवासी बरौं विकासखंड रामपुर नैकिन, जगमोहन साकेत पिता बिंदर साकेत उम्र 30 वर्ष निवासी चदौनिया विकासखंड रामपुर नैकिन, श्यामलाल साकेत पिता अयोध्या साकेत उम्र 40 वर्ष निवासी रामनगर सतना, हीरालाल शर्मा पिता श्यामलाल शर्मा उम्र 60 वर्ष निवासी नगर पालिका क्षेत्र सीधी, लक्ष्मी पनिका पिता रामायण पनिका उम्र 22 वर्ष निवासी कुसमहर विकासखंड रामपुर नैकिन, अमर गोविंद साकेत पिता रामसुख साकेत उम्र 22 वर्ष कुकुडीझर सीधी, रावेन्द्र द्विवेदी पिता वैजनाथ प्रसाद द्विवेदी उम्र 30 वर्ष किटहा जिला सतना, रामसुख साकेत पित् जेठू साकेत उम्र 50 वर्ष निवासी कुकुडीझर सीधी, सुशीला प्रजापति पति पुष्पराज प्रजापति उम्र 27 वर्ष ग्राम तरका थाना बहरी जिला सीधी, अथर्व कुमार गुप्ता पिता अनिल कुमार गुप्ता उम्र 2 वर्ष निवासी रामपुर नैकिन, पिंकी गुप्ता पति अनिल गुप्ता उम्र 25 वर्ष निवासी रामपुर नैकिन, रीना तिवारी पिता विजय तिवारी उम्र 25 वर्ष निवासी सजनहा जिला सीधी,सुमित्रा कोल पिता सिवनाथ कोल उम्र 35 वर्ष लिलवार विकासखंड सिहावल जिला सीधी, जगजीवन प्रसाद गुप्ता पिता रामनाथ गुप्ता उम्र 40 वर्ष ग्राम सतनरा जिला सीधी, अशोक कुमार तिवारी पिता राविलाश तिवारी उम्र 46 वर्ष बेलहा जिला सीधी, अनिल त्रिपाठी पिता पारसनाथ त्रिपाठी उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम चोरगड़ी विकासखंड रामपुर नैकिन, लक्ष्मण सिंह यादव पिता पदुमनाथ यादव निवासी उम्र 12 वर्ष कठार तहसील गोपद बनास जिला सीधी, कविता यादव पिता जागेन्द्र यादव उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम कठार तहसील गोपद बनास जिला सीधी, अनिल कुमार पटेल पिता अयोध्या पटेल उम्र 59 वर्ष निवासी ग्राम पड़रिया खुर्द जिला सीधी, तपश्या पनिका पिता अजय पनिका उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम देवरा भुईमाड कुसमी सीधी, अवधेश प्रजापति पिता राममणि प्रजापति उम्र 22 वर्ष निवासी हनुमना रीवा, विमला प्रजापति पिता राजेन्द्र प्रजापति उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम चितवरिया सिहावल, राजकुमार प्रजापति पिता सुखलाल प्रजापति उम्र 24 वर्ष निवासी हरफरी चितरंगी जिला सिंगरौली, यसोदा विश्वकर्मा पति दादूलाल विश्वकर्मा उम्र 30 वर्ष निवासी गेठुआ सिहावल जिला सीधी, अनिल पटेल पिता नारायण पटेल उम्र 27 वर्ष निवासी झोंको तहसील देवसर जिला सिंगरौली, राघुवेन्द्र तिवारी पिता रामफल तिवारी उम्र 20 वर्ष निवासी सजहा बेलवाह तहसील बहरी जिला सीधी, राजवती सिंह पिता छोटेलाल सिंह उम्र 20 वर्ष डउआडोल थाना देवसर जिला सिंगरौली, प्रियंका सिंह पिता प्रमोद कुमार सिंह उम्र 20 वर्ष निवासी डंगाडोल तहसील देवसर जिला सिंगरौली, मोहन बैगा पिता साधू बैगा उम्र 22 वर्ष गांधीग्राम जिला सीधी,  सुदामा पाल पिता अयोध्या पाल निवासी बमुरी सतनरा तहसील सिहावल जिला सीधी, शिवभान पाल पिता तीरथ पाल निवासी वार्ड क्रमांक-6 जिला सीधी, प्रदीप कुमार यादव पिता लक्षिमन यादव जूरी सीधी,दिग्विजय सिंह चंदेल पिता प्रतिपाल सिंह 42 वर्ष ग्राम ईशा नगर ,अंकिता तिवारी पिता अशोक तिवारी 21 वर्ष निवासी ग्राम बेलहा थाना बहरी, सुषमा सिंह पति धर्मराज सिंह निवासी पोंड़ी थाना बहरी,अजय कुमार पनिका उर्फ राहुल पिता रामप्रसाद पनिका 30 वर्ष ग्राम देवरी थाना कुसमी ,रामकली यादव पति विश्वनाथ यादव 28 वर्ष ग्राम कुसमी, विश्वनाथ यादव पिता रामपति यादव 30 वर्ष निवासी कुसमी, पुष्पराज प्रजापति पिता इन्द्रपति 32 वर्ष ग्राम तरका थाना बहरी, सोमबाई सिंह पिता गंगा सिंह गोंड़ निवासी बंदेवा जिला सिंगरौली, आशा सिंह निवासी गिजवार, सविता बैगा पति अंशुमान बैगा उम्र 25 वर्ष निवासी साजापानी जिला सिंगरौली का शव बरामद हो चुका है।

जिंदगी की जंग जीत चुके यात्रियों की जुबानी

मैं सीधी से सतना एनएम का पेपर देने जा रही थी, जैसे ही बस नहर के किनारे बनी सड़क में गई थोड़ा आगे जाने के बाद वह फिसल कर नहर में चली गई। मैं कैसे बाहर आई हूं मुझे बिल्कुल याद नहीं है। ग्रामीणों द्वारा मुझे बचाया गया  है परन्तु हादसे के बाद मैं बेहोश हो गई थी। मुझे इतना केवल याद है कि मैं बस में सवार थी और बस नहर में गिर गई और मैं कैसे बाहर निकली यह नहीं जानते। बस में 50 से ज्यादा सवारी थे जिनमें से 10 से 15 सवारी खड़े होकर जा रहे थे। 
विभा प्रजापति पिता दीनदयाल प्रजापति 20 वर्ष निवासी सपनी दुआरी

मैं अपनी बहू पिंकी गुप्ता एवं पोते कान्हा गुप्ता के साथ बस में सवार होकर सतना जा रहा था।  हम लोग सीट पर बैठे थे जब बस नहर के पास पहुंची वह अचानक पानी में समा गई। पानी भरता गया और बस नीचे जाती गई। मैं बस के बाहर कैसे निकला यह जानकारी नहीं है परन्तु जैसे ही पानी के ऊपर आया मैंने तैरना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद मेरी हिम्मत ने जवाब दे दिया उसी समय नहर में एक लड़की कूदी और वह मुझे हाथ पकड़कर बाहर निकाल दी। बहू सीरियस हालत में है जबकि नाती कान्हा का अभी तक पता नहीं चल पाया है। 
सुरेश गुप्ता पिता रामसहाय गुप्ता 62 वर्ष निवासी रामपुर नैकिन

अपने मकान मालिक डॉ. हीरालाल शर्मा के साथ मैं सतना जा रही थीं। नहर में बस कैसे गिर गई इसकी जानकारी मुझे नहीं है। बस नहर में समा जाने के बाद मैं कैसे बच गई ये भी मुझे याद नहीं है। हमारे साथ जो डॉ. हीरालाल शर्मा थे वह कहां है यह भी जानकारी मुझे नहीं है। 
अर्चना जायसवाल पिता गंगा जायसवाल 23 वर्ष निवासी सरई