मोहन कैबिनेट की पचमढ़ी में बैठक आज, हो सकते हैं कई बड़े फैसले
आज सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी के राजभवन में कैबिनेट बैठक रखी गई है। यह बैठक जनजातीय नायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा भभूत सिंह जी के सम्मान में पचमढ़ी में आयोजित की जाएगी।

आज सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी के राजभवन में कैबिनेट बैठक रखी गई है। यह बैठक जनजातीय नायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा भभूत सिंह जी के सम्मान में पचमढ़ी में आयोजित की जाएगी।
बैठक में जनजातीय विरासत, प्राकृतिक संपदा और विकास के लिये नये संकल्प किये जायेंगे। इसके अलावा मध्य प्रदेश के विकास के हित में कई अहम फैसले लिए जा सकते है। इससे पहले मार्च 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सरकार के नेतृत्व में कैबिनेट की मीटिंग पचमढ़ी में हुई थी। इस दौरान नर्मदापुरम रेंज के पुलिस बल के अलावा अन्य जिलों से भी सशस्त्र पुलिस बल तैनात रहेगा। यातायात व्यवस्था को कुछ समय के लिए परिवर्तित के साथ ड्रोन से निगरानी की जाएगी।
कैबिनेट बैठक में लिए जा सकते है कई बड़े फैसले
मंत्रि-परिषद की बैठक का आयोजन प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर राजा भभूत सिंह के पराक्रम और स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान का स्मरण करते हुए सम्मान किया जाएगा।
मंत्रि-परिषद की बैठक विशेष रूप से जनजातीय समाज और शौर्य पराक्रम के प्रतीक रहे राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी, जिनकी ऐतिहासिक भूमिका को मंत्रि-परिषद की बैठक के दौरान पुनः स्मरण किया जाएगा।
इस बैठक में पचमढ़ी के पूर्व जागीरदार राजा भभूत सिंह की स्मृति में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
नर्मदांचल क्षेत्र में किसी संस्थान का नाम राजा भभूत सिंह के नाम पर रखने पर भी फैसला हो सकता है।
राजा भभूत सिंह की स्मृति में होगा पार्क का नामकरण।
बीते दिनों सीएम ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाया जाएगा।इस पर चर्चा हो सकती है।
राजस्व के मामलों के निराकरण को लेकर फैसला संभव। राजस्व न्यायालय में तारीख पर तारीख मिलने की शिकायत नहीं रहेगी।नायब तहसीलदार और तहसीलदार के न्यायिक और कानून व्यवस्था के साथ प्रोटोकॉल (सत्कार) संबंधी दायित्व अलग-अलग निर्धारित होंगे। एक अधिकारी कानून व्यवस्था और सत्कार संबंधी काम देखेगा। जबकि, बाकी अधिकारियों को राजस्व न्यायालय में बैठना होगा।
पचमढ़ी की 395.93 हेक्टेयर भूमि को नजूल और राजस्व स्वामित्व की घोषित करने के बाद पर्यटन की दृष्टि से इसके विकास को नया स्वरूप देने पर फैसला लिया जा सकता है।