स्ट्रीट वेंडर्स को मिलने वाले बैंक कर्ज की मंजूरी देने में देरी नहीं करें: CM
भोपाल | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक (मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़) उमेश पांडे ने भेंट की। मुख्यमंत्री चौहान ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए लागू ऋण योजनाओं की तत्परता से मंजूरी का आग्रह किया। विशेष रूप से स्व-निधि योजना, जिसे प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म-निर्भर निधि भी कहा जाता है, पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के प्रकरणों की स्वीकृति और योजना के क्रियान्वयन के बारे में भी बातचीत हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य-स्तरीय बैंकर्स समिति की अगली बैठक में योजना के अंतर्गत राशि के वितरण की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की जाएगी।
गरीबों के कल्याण की योजना है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर योजना गरीबों के कल्याण की योजना है। छोटे व्यवसायी जो शहरों और गांवों में रेहड़ी और सड़क किनारे गुमटी या ठेला लगाकर छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं, उन्हें आसानी से ऋण सहायता मिले, इसके लिए प्रयास बढ़ाये जायें। वर्तमान में ऐसे प्रकरणों में स्वीकृति में देरी होने की शिकायतें कुछ जिलों से प्राप्त हुई हैं। लघु व्यवसाय से जुड़े जरूरतमंद लोगों को सरलता से ऋण राशि मिले, यह प्रयास बैंक शाखा स्तर पर किया जाए। साथ ही इन हितग्राहियों से प्राप्त ऋण की अदायगी भी हो, इसके लिए सरकार और बैंक स्तर पर संयुक्त प्रयास किये जाएं। इससे ऐसे हितग्राहियों को फिर से ऋण दिए जाने का कार्य
आसान होगा।
पीएम स्व-निधि ऋण योजना के क्रियान्वयन में मप्र आगे
पीएम स्व-निधि ऋण योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में सभी राज्यों से आगे है। इसी तरह मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में भी अच्छे परिणाम प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे स्ट्रीट वेण्डर्स जैसे फल, सब्जी, आइसक्रीम, ब्रेड, बिस्किट विक्रेता, जूते-चप्पल, झाड़ू बेचने वाले, साइकिल रिपेयरिंग करने वाले, बढ़ई, कुम्हार, बुनकर, धोबी और टेलर्स आदि को 10-10 हजार रूपए का ब्याज रहित ऋण उनके कार्य के उन्नयन के लिए दिलवाया जाता है।