अब प्रदेश में किसानों को मिलेगा कम से कम पांच हजार रुपये का मुआवजा

भोपाल | राज्य कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि यदि वन्य प्राणी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, तो सरकार किसान को मुआवजा देगी। इसके लिए राजस्व पुस्तिका परिपत्र में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यदि जानवर मकान को नुकसान पहुंचाते हैं तो भी किसान मुआवजा के लिए पात्र होंगे। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदा या अग्नि दुघटना पर किसान को न्यूनतम 5 हजार रुपए आर्थिक अनुदान के रूप में देने निर्णय भी लिया गया है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में राजस्व पुस्तक परिपत्र में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अभी तक किसी जानवर के फसल और मकान को नुकसान पहुंचाने पर मुआवजे का प्रावधान नहीं था, लेकिन अब राजस्व पुस्तक परिपत्र में संशोधन कर इसे जोड़ा गया है। दरअसल, सिंगरौली, सीधी, अनूपपुर और शहडोल जिले में जंगली हाथियों द्वारा रहवासी क्षेत्रों में ग्रामीणों की परिसंपत्ति को पहुंचाया जा रहा है। 2017-18 में शहडोल में जंगली हाथियों ने मकान और घरेलू सामग्री को नुकसान पहुंचाया था।

ये भी हुए फैसले

  • जल जीवन मिशन का प्रजेंटेशन
  • इस मिशन के तहत हर घर मे पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा
  • प्रोजेक्ट पर करीब 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे 2023 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य
  • धर्म स्वतंत्र विधेयक का अनुमोदन
  • बजट सत्र में पेश किया जाएगा
  • आजाक विभाग का नाम जनजातीय कार्य विभाग किया गया
  • हरबाखेड़ी में सिंचाई परियोजना को मंजूरी

1989 के आदेश में क्षतिपूर्ति देने के हैं निर्देश
वनमंडलाधिकारी ने 12 प्रकरण में 5.06 लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा था, लेकिन उन्होंने इसे यह कहकर लौटा दिया था कि राजस्व पुस्तक परिपत्र में इसके लिए प्रावधान नहीं है, जबकि वन विभाग के 1989 के आदेश में क्षतिपूर्ति देने के निर्देश हैं। अब सरकार ने वन्य प्राणियों द्वारा नुकसान करने पर मुआवजे का प्रावधान कर दिया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी है। अब सरकार विधानसभा के बजट सत्र में इस विधेयक को सदन में पेश करेगी।