हेलमेट नहीं पहनने से मप्र में प्रति वर्ष तीन हजार से अधिक लोगों की मौत

भोपाल | वाहन चलाते समय सुरक्षा इंतजाम न अपनाने के कारण मध्य प्रदेश में हर साल हजारों लोगों की मौत हो रही है। इनमें सबसे अधिक संख्या हेलमेट नहीं पहनने वालों की है। बीते कुछ वर्षों का हादसों में मृत्यु का औसत निकाला जाए तो हेलमेट नहीं पहनने के कारण तीन हजार से अधिक लोगों की मौत प्रति वर्ष हो जाती है। हादसों में जान गंवाने वालों में कुछ तो ऐसे हैं, जो हेलमेट पहनने के लिए लोगों को प्रेरित करते थे, लेकिन कुछ समय के लिए बिना हेलमेट पहने कुछ दूर जाने को निकले और फिर घर लौटकर नहीं आए। कुछ समय के लिए हेलमेट से दूरी के कारण जिंदगी की कहानी अधूरी रह गई।

प्रदेश में वर्ष 2020 में लॉकडाउन के कारण महीनों तक सड़कों पर आवाजाही बंद रही और इस वजह से सड़क हादसों में कमी रही। बीते वर्ष में करीब दो हजार लोगों की जान गई। लेकिन, 2019 में हेलमेट नहीं पहनने के कारण 3813 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, सीट बेल्ट नहीं लगाने से सड़क हादसों में मरने वालों की तादाद 1735 रही।

बिना हेलमेट प्रवेश पर प्रतिबंध
पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पीटीआरआइ) में बिना हेलमेट पहने वाहन चालकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके लिए प्रवेश द्वार पर ही सूचना चस्पा कर दी गई है।

इनका कहना है
लोगों को अपने जीवन के प्रति सचेत होने की आवश्यकता है। जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों का पालन करने की समझाइश दी जा रही है। इससे संबंधति विभागों को भी सख्ती करनी होगी।
डीसी सागर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पीटीआरआई