विधायक ने पूछा- 3 साल से एक ही सीट पर जमे कर्मचारियों की कब परिवर्तित करेंगे कुर्सी
सतना | कई सालों से एक ही सीट पर जमे कर्मचारियों की सीट कब परिवर्तित करेंगे? क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी स्थानांतरण नीति एक ही कार्यालय या स्थान में 3 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ लोक सेवकों को स्थानांतरण करने का प्रावधान है, अगर है तो इस प्रावधान का पालन क्यों नहीं किया गया? क्या मप्र शासन राजस्व विभाग के 9 अगस्त 2016 केपत्र क्र. एफ-2-71-/ 2016/ 5926/सात/4-एफ-भोपाल द्वारा तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को एक शाखा में 5 वर्ष तक पदस्थ होने पर उनके शाखा परिवर्तन करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर निर्देश हैं तो क्या ऐसा किया गया है, यदि नहीं तो क्यों?
क्या यह सत्य है कि सतना जिला अंतर्गत राजस्व विभाग में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों , तहसील कार्यालयों ,राजस्व न्यायालयों तथा जिला कार्यालय में पदस्थ लिपिक, प्रवाचक पिछले तीन साल से अधिक समय से एक ही शाखा या कार्यालय में पदस्थ हैं तथा पूर्व में भी पदस्थ रहे हैं? ये सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित वे सवाल हैं जो विधानसभा में बड़वारा विधायक विजय राघवेंद्र सिंह द्वारा तारांकित प्रश्न क्रमांक-5098 के जरिए राजस्व मंत्री से पूछे गए हैं। विधायक ने ऐसे कर्मचारियों की सूची मांगते हुए सदन में सवाल पूछा है कि लंबे अर्से से कुंडली मारे एक ही सीट पर बैठे कर्मचारियों को कब स्थानांतरित किया जाएगा?
इन सवालों के जवाब 15 मार्च तक सदन को देना है, जबकि प्रश्नकर्ता को सदन द्वारा जवाब देने की तिथि 22 मार्च मुकर्रर की गई है। विधानसभा में सवाल उठने के बाद सतना में कई सालों से एक ही कार्यस्थल पर काम कर रहे कर्मचारियों के बीच खलबली मची हुई है और एक बार पुन: अपनी सीट को बचाने के लिए ऐसे कर्मचारी अपने राजनैतिक व प्रशासनिक आकाओं की ड्योढ़ी चूमने लगे हैं।
पनाह मांग रहा टेबल रोटेशन का नियम
लंबे अरसे से एक ही सीट पर जमे कर्मचारी केवल राजस्व विभाग के ही नहीं हंै, बल्कि सामान्य प्रशासन के कई ऐसे विभाग हैं जिनमें कर्मचारी सालों से एक ही टेबिल पर बैठकर काम कर रहे हैं। कई सालों से एक ही काम देखने के कारण कर्मचारी काम में गफलत भी करते हैं, जबकि नियमन कि 3 व 5 वर्ष तक एक ही कार्यस्थल पर काम करने वाले कर्मचारियों के दायित्वों में किया जाता है।
गृह तहसील में भी सालों से जमे पटवारी
राजस्व महकमें में पटवारियों के पावरगेम पर भी अंकुश नहीं लग सका है। हालात यह हैं कि मध्यप्रदेश शासन के राजस्व विभाग मंत्रालय द्वारा पटवारियों को गृह तहसील में पदस्थ न करने के जारी फरमान के बावजूद जिले में कई पटवारी राजनैतिक व प्रशासनिक जुगाड़ से गृह तहसील में ही जमे हुए हैं। गौरतलब है कि राजस्व विभाग मंत्रालय ने 22 जून को पत्र क्रमांक- एफ-5-13/2020 /सात/5 प्रेषित कर स्पष्ट किया था कि किसी भी हल्के में पटवारियों की तैनाती करने के दौरान यह सुनिश्चित किया जाय कि किसी भी पटवारी को उसके गृह तहसील में पदस्थ न किया जाय। शासन के राजस्व विभाग के सचिव दिनेश कुमार मौर्य ने संविलियन नीति को स्प्ष्ट करते हुए पत्र में कहा था कि जिले के अंदर पदस्थापना कलेक्टर द्वारा की जाएगी।
जून में पत्र जारी होने के पूर्व भी सरकार ऐसे पत्राचार करती रही है लेकिन बगहा हल्के के हेमंत सिंह, मझगवां भट्टा हलका के अजय सिंह, धवारी हल्का के उमेश सिंह, रामपुर चौरासी हल्का के बृजेश निगम , महदेवा हल्के के सत्य प्रकाश गर्ग समेत , कोलगवां हलके के राजेंद्र सिंह परिहार समेत कई पटवारी राजनैतिक संबंधों के बूते अपनी ही तहसील में हैं। ये नाम तो केवल एक बानगी हैं यदि पूरे जिले में पटवारियों की पदस्थापना पर नजर दौड़ाई जाय तो कई पटवारियों पर गृह तहसील में ही पदस्थ रहने की कृपा बरसी है जो शासन के प्रावधानों को ठेंगा दिखाकर अपने अपने गृहक्षेत्रों में डटे हैं।
बदल गई सत्ता पर नहीं बदला गृहक्षेत्र
वर्ष 2019 में कांग्रेस की सरकार बनी थी तब सभी मापदंडों व प्रावधानों को दरकिनार कर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भारी फेरबदल किए गए थे और भारी तादाद में पटवारियों को इधर से उधर किया गया था। उस दौरान कई पटवारियों ने अपने अपने राजनैतिक आकाओं की शरण लेकर अपने मनपसंद हलक ों में तैनाती करा ली थी। तैनाती कराने के दौरान राजस्व विभाग की उस गाइडलाइन को भी दरकिनार कर दिया गया था जिस गाइडलाइन में स्पष्ट निर्देश हैं कि पटवारी अपने गृह तहसील में पदस्थ नहीं किए जा सकते हैं। लेकिन सत्ता बदले एक साल का समय हो गया है लेकिन व्यवस्था जस की तस चल रही है।