भोला व लाल मेडिकल एजेंसी का लायसेंस निरस्त

रीवा | जीवन रक्षक दवाइयों के स्थान पर नशे का कारोबार करने वाले व्यापारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। शहर के अमहिया थाना अंतर्गत लाल मेडिकल एजेंसी एवं भोला मेडिकल एजेंसी में  कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी के निर्देशानुसार 24 दिसम्बर को औषधि निरीक्षक श्रीमती प्रियंका चौबे, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला एवं थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल की संयुक्त टीम ने दोनों दुकानों का निरीक्षण कर काफी मात्रा में नशे की गोलियां एवं सिरप बरामद किया था। 

दुकान में पाई गई कमियों के बाद निरीक्षण के दौरान दोनों दुकानों को सीज कर दिया गया था। इस दौरान  औषधि निरीक्षक द्वारा दोनों मेडिकल एजेंसी संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था।  बताया गया है कि संयुक्त टीम द्वारा जारी की गई नोटिस के बाद मेडिकल एजेंसी संचालकों ने जो तर्क प्रस्तुत किया है, वह संतोषजनक नहीं पाया गया है। ऐसी स्थिति में भोला मेडिकल एजेंसी एवं लाल मेडिकल एजेंसी के लायसेंस औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।

संचालकों में हड़कम्प
मेडिकल स्टोर में जीवन रक्षक दवाइयों के बदले नशे का कारोबार करने वाले व्यापारियों में औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा शनिवार को की गई कार्रवाई के बाद हड़कम्प मच गया है। गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स में नशे की दवाइयां आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। यही वजह है कि युवा पीढ़ी लगातार नशे की गिरफ्त में आ रही है। इस कारोबार ने भले ही मेडिकल संचालकों के व्यापार में दोगुनी वृद्धि की हो परंतु युवा पीढ़ी को पूरी तरह से नशे का आदी बना दिया है।

कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने मेडिकल स्टोर की आड़ में नशे का कारोबार करने वाले लोगों द्वारा चलाई जा रही मेडिकल एजेंसी का निरीक्षण करने के लिए टीम बनाई थी। जिसके बाद शहर में कई मेडिकल स्टोर्स की दुकानों में छापामार कार्रवाई की गई थी। आधा दर्जन से ज्यादा दुकानों में कोरेक्स एवं नशे की दवाइयां बरामद की गई थीं। हालांकि अभी अन्य दुकानों पर कार्रवाई भले ही न हो पाई हो परंतु भोला मेडिकल एजेंसी एवं लाल मेडिकल एजेंसी के निरस्त किए गए लायसेंस के बाद अन्य कारोबारी भी डरे एवं सहमे हुए हैं।

रडॉर पर आधा दर्जन मेडिकल दुकान
नशे का अवैध कारोबार करने वाले आधा दर्जन मेडिकल स्टोर पुलिस व प्रशासन के रडॉर पर हैं। इनकी सूची तैयार कर ली गई है। बताया गया है कि आने वाले दिनों में इन मेडिकल दुकानों को भी सील किया जाएगा। फिलहाल इसका प्रतिवेदन तैयार कर जिला दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया है, जिस पर अमल होना बाकी है। खास बात यह है कि शहर के ज्यादातर मेडिकल स्टोर नशे की दवाइयों का कारोबार चोरी छिपे कर रहे हैं। जिन पर एक बार फिर से पड़ताल किए जाने की आवश्यकता है।