बंगाल में बाबरी पर विवाद: TMC के पूर्व नेता हुमांयू को VHP नेता की चेतावनी, कहा- 1992 से सबक लेना चाहिए

टीएमसी के पूर्व नेता हुमायूं कबीर विवादित बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता संतोष शर्मा ने आरोप लगाया कि धार्मिक स्थलों को लेकर जानबूझकर तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है

बंगाल में बाबरी पर विवाद: TMC के पूर्व नेता हुमांयू को VHP नेता की चेतावनी, कहा- 1992 से सबक लेना चाहिए
West Bengal Babri Masjid

इंदौर। टीएमसी के पूर्व नेता हुमायूं कबीर के हालिया बयान को लेकर विवाद बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक वरिष्ठ नेता ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि कुछ तत्व जानबूझकर धार्मिक स्थलों को लेकर तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छिड़ गई है।

वीएचपी नेता संतोष शर्मा ने कहा कि संगठन हुमायूं कबीर के बयान की घोर निंदा करता है और इसे समाज में अस्थिरता फैलाने का प्रयास बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि संवेदनशील धार्मिक मुद्दों को उछालकर जनता को बांटने और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। वीएचपी नेता के अनुसार, ऐसे वक्तव्य समाज में अनावश्यक तनाव को जन्म देते हैं और इससे सामुदायिक सौहार्द को क्षति पहुँचने का खतरा रहता है।

6 दिसंबर 1992 की याद दिलाई... चेतावनी भी दी

संतोष शर्मा ने कहा कि धार्मिक स्थलों को लेकर गैर-जरूरी विवाद खड़े करना किसी भी तरह से देशहित में नहीं है। इस संदर्भ में उन्होंने 6 दिसंबर 1992 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे इतिहास से सीख लेकर सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए। उनके अनुसार, चेतावनीपूर्ण या उत्तेजक टिप्पणियां किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत कर सकती हैं, और इससे सामाजिक सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

वीएचपी नेता ने यह भी दावा किया कि चुनावी मौसम में अक्सर ऐसे मुद्दों को राजनीतिक लाभ के लिए हवा दी जाती है, खासकर उन राज्यों में जहाँ सामाजिक संतुलन बेहद संवेदनशील रहता है। उन्होंने कहा कि धार्मिक विषयों का दुरुपयोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है और इससे जनता के वास्तविक मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।

साथ ही, उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की भूमि को बदनाम करने वाले बयानों या गतिविधियों पर रोक लगनी चाहिए और सभी संगठनों तथा नेताओं को जिम्मेदारी के साथ अपनी राय रखनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे लहज़े में यह भी कहा कि यदि जानबूझकर समाज में तनाव बढ़ाया जाएगा तो किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं, इसलिए सभी पक्षों को शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रयास करने चाहिए।