शिक्षा का उद्देश्य है ज्ञान, कौशल और नागरिक के संस्कार देना: CM
भोपाल | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में इन तीनों बातों का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। इन्हें मध्यप्रदेश में लागू किया जाएगा। कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिक्षा का अर्थ तोते की तरह रटना, बस्ते के बोझ से दबे रहना तथा परीक्षा देना नहीं है। शिक्षा से बच्चों की प्रतिभाओं का प्रकटीकरण होना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों के शिक्षण-प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा 'शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
समाज के सहयोग से शिक्षा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिक्षा देना केवल सरकार का कार्य नहीं है। समाज के सहयोग से शिक्षा दी जानी चाहिए। इस क्षेत्र में विद्या भारती जैसी संस्थाएं काफी अच्छा कार्य कर रही हैं।
मनमर्जी नहीं चलेगी
मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षण संस्थाएं अमर्यादित शिक्षा देकर विद्यार्थियों को दिग्भ्रमित करें, यह नहीं चलेगा। यदि कोई संस्थान गलत शिक्षा देता है, तो उसे रोका जाएगा। हम आतंकवादी नहीं बनने दे सकते। स्कूलों के नाम पर कुछ भी खोला जाए, यह नहीं चलेगा।
शिक्षक रतन चंद जैन को याद किया
मुख्यमंत्री ने अपने गांव जैत के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रतन चंद जैन को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा मेरे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे प्रत्येक शनिवार को विद्यार्थियों को रामचरित मानस पढ़ाया करते थे। 'इससे न केवल मैं वक्ता बना, मुझे श्री राम की मर्यादाओं के अनुरूप जीवन जीने की प्रेरणा मिली'।
आत्म-निर्भर के रोड मैप में शिक्षा अहम
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए बनाए गए रोड मैप में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त सीएम राइज स्कूल खोले जाने के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। अच्छी तकनीकी शिक्षा के लिए ग्लोबल स्किल पार्क तथा आदर्श आईटीआई बनाए जा रहे हैं।