स्टार समाचार से आरटीओ ने कहा-, मांग व जरूरत के हिसाब से जारी होते हैं परमिट

सतना। आपरेटरों व जनता की मांग और रूट की जरूरत के हिसाब से यात्री बसों के परमिट जारी किए जाते हैं (यदि मांग पर परमिट जारी नहीं किए जाएंगे तो ओवर लोडिंग बढ़ेगी। बसों के परमिट जारी करते समय इस बात का पर्याप्त ख्याल रखा जाता है कि दो बसों के बीच जो गैप हो पर्याप्त हो ताकि रूट में प्रतिस्पर्धा के समय किसी प्रकार के हादसे की संभावना न हो। किसी भी यात्री वाहन के परमिट जारी किए जाने के समय लोकहित प्राथमिकता में रहता है। यह बात क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने स्टार समाचार से चर्चा के दौरान कही। आरटीओ के साथ हुई विस्तृत चर्चा के कुछ अंश यहां पेश हैं। 

स्टार: क्या आपको नहीं लगता कि बदलते समय के साथ परिवहन नीति में भी बदलाव होना चाहिए? 
संजय: नीति निर्धारित करना विभाग व सरकार का काम है, उसका स्थानीय स्तर पर पालन कराना हमारी जिम्मेदारी है। सरकार की जो भी नीतियां हैं चाहे वो किसी भी विभाग से जुड़ी हो उसमें जन सरोकार शामिल रहता है। 

स्टार: परिवहन महकमे पर अक्सर बगैर मध्यस्थता के काम न होने के आरोप लगते हैं? 
संजय निश्चित रूप से आरोप लगते रहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि विभाग में सभी काम आॅनलाइन हो रहे हैं। परिवहन महकमे में किसी भी व्यक्ति को अपना काम कराने के लिए मध्यस्थ की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, परिवहन आयुक्त की मंशा के अनुसार सबको सुविधाएं बगैर मध्यस्थ के उपलब्ध कराई जा रही हैं। 

स्टार: सड़क सुरक्षा समिति में यातायात व्यवस्था को लेकर लिए जाने वाले निर्णयों का कितना पालन हो पाता है? 
संजय: निश्चित रूप से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए होने वाले निर्णयों के पालन में कुछ परेशानियां होती है उसका सबसे बड़ा कारण है अमले की कमी। परिवहन विभाग के पास पर्याप्त अमला जांच के लिए नहीं है। इसके बावजूद कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक के जरिए सहयोग लेकर कार्रवाईयां की जाती हैं। 

स्टार: लॉक डाउन के पहले और अब विभाग के काम में क्या बदलाव आया है? 
संजय: काम का बदलाव है, 31 दिसम्बर तक सभी प्रकार के नवीनीकरण के कार्यों को सरकार ने वैध मान लिया है, लिहाजा काम उस गति से नहीं हो रहा है जैसे होना चाहिए। कोरोना काल में राजस्व वसूली में कमी आई है जिसे देखते हुए पिछले एक -डेढ़ महीने से राजस्व वसूली के लिए जांच और धरपकड़ का अभियान चलाया गया है। 

स्टार: लॉक डाउन के बाद सतना को क्या सौगात मिली है? 
संजय: प्रदेश भर में आॅनलाइन लर्निंग लाइसेंस जारी किए जाने हैं इसके लिए सतना व खरगौन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। एनआईसी के माध्यम से इस प्रोजेक्ट में आवेदक टेस्ट देकर पास होने पर लाइसेंस पा सकता है। 

स्टार: परिवहन कार्यालय द्वारा क्या-क्या नवाचार किया जा रहा है? 
संजय: परिवहन कार्यालय में आने वाले लोग यहां से बेहतर यादें लेकर जाएं, यहां आने पर उन्हें फीलगुड का एहसास हो ,कम परेशानी में लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिले इसके प्रयास किए जा रहे हैं, दिव्यांगों के लिए कार्यालय में रैम्प बनाए गए हैं महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था की गई है। दिव्यांगों को यात्री किराए में 50 फीसदी की छूट मिले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।