कर्मचारियों के स्थायी और अस्थायी पदों का अंतर होगा खत्म, मोहन कैबिनेट में लिए गए फैसले

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम् के सामूहिक गान के साथ शुरू हुई।

कर्मचारियों के स्थायी और अस्थायी पदों का अंतर होगा खत्म, मोहन कैबिनेट में लिए गए फैसले

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम् के सामूहिक गान के साथ शुरू हुई। कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इनकी जानकारी उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने दी.

डूब प्रभावितों के लिए बड़ी राहत

कैबिनेट बैठक में लिए फैसलों को लेकर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देश्यी परियोजना और बसानिया बहुउद्देश्यी परियोजना के डूब प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष पैकेज को मंजूरी दी गई है. प्रावधान राशि के साथ के साथ ही 1782 करोड़ की राशि को मंजूरी दी गई है. इससे 5512 करोड़ की लागत से तीन जिले अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी में सिंचाई का काम तेजी से हो सकेगा. तीनों जिलों में 71967 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई होगी और 125 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा. ये डूब प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज है.

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना के सूचनांक को भी दो से तीन किया गया है. मुख्यमंत्री सड़क परियोजना के तहत 3810 करोड़ के कार्यों को मंजूरी दी गई है. उद्धम क्रांति योजना 2026-27 के लिए सतत रखने के लिए 905 करोड़ के कार्यों की मंजूरी.

स्थायी और अस्थायी पदों का अंतर होगा खत्म

राज्य सरकार में कार्यरत कर्मचारियों के पदों से संबंधित स्थायी और अस्थायी पदों का अंतर खत्म किया गया है. 10 प्रकार के वर्गीकरण होते हैं, जिसमें नियमित, संविदा, आउटसोर्स, अंशकालीन समेत अन्य पद होते हैं. कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद कई परेशानियां आती थी, अब उसे 10 की जगह पांच वर्ग में कर दिया है. इससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी. सरकारी विभागों में नियमित, संविदा, आउटसोर्स, अंशकालीन समेत पांच जरूरी पद रहेंगे.

भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए राजस्व मद में बजट का प्रस्ताव आज कैबिनेट में लाया गया. साल 2025-26 के लिए 90.67 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. 48 करोड़ रुपये की लागत से 6 वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी.