सर्किट हाउस के बी-5 कक्ष पर ईई का कब्जा
सतना | भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को लेकर चर्चाओं में रहने वाले लोक निर्माण विभाग के मुख्य कार्यपालन यंत्री बीके विश्वकर्मा का विवाद पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों के मामले में संविदाकारों के हित में कदम उठाने के लगे आरोपों के बीच एक और नया विवाद बीके विश्वकर्मा के साथ जुड़ गया है। यह विवाद है अपने ही विभाग के भवनों पर नियम विरूद्ध तरीके से कब्जा जमाने का।
इस मामले में मुख्य कार्यपालन यंत्री ने जिस प्रकार से नियमों की अवहेलना की है, वह चौकाने वाला तो है ही। बताया जाता है कि सर्किट हाउस के कक्ष आवंटित करने जो रोस्टर लोक निर्माण विभाग द्वारा जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिया गया है, उसमें कक्ष क्र. बी-5 विलोपित है। इसी कक्ष में लोक निर्माण विभाग के मुख्य कार्यपालन यंत्री बीके विश्वकर्मा अपना डेरा जमाए हुए हैं। इस बीच मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल ने जुलाई 2019 अनाधिकृत्य तौर पर सर्किट हाउस के बी-ब्लाक के कमरा नम्बर-5 में अधिपत्य जमाए बैठे कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने संबंधी पत्र कलेक्टर एवं एसडीएम को लिखा है। विधायक के पत्र के बाद ईई बीके विश्वकर्मा एक नए विवाद में घिर गए हैं।
तीन दिन बाद किराए का प्रावधान
राजकीय अतिथि गृह के कक्ष आंवटन से जुड़े जानकार बताते हैं कि नियमन सर्किट हाउस में तीन दिन तक अतिथि के तौर पर अधिकारी रूक सकते हैं, लेकिन इसके बाद यदि सर्किट हाउस के कक्ष व अन्य संसाधनों का उपयोग करना है तो शासन द्वारा निर्धारित दर अदा करना पड़ता है। जिस कक्ष में बीके विश्वकर्मा ने अपना आशियाना बना रखा है, उसका प्रतिदिन किराया 600 और बिजली का बिल 50 रूपए है।
उल्लेखनीय है कि निर्धारित 3 दिन से अधिक रहने पर सर्किट हाउस के कमरों का किराया देना पड़ता है। इसी प्रावधान के तहत जिला पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप शर्मा के विरूद्ध पीडब्ल्यूडी ने बतौर किराया एक लाख 54 हजार रुपए का नोटिस जारी किया था, किन्तु विश्वकर्मा के मामले में सारे नियम हवा में उड रहे हैं। अब बीके विश्वकर्मा स्वयं जुलाई 2019 से आवास आवंटित होने के बाद भी सर्किट हाउस में काबिज हैं, तो क्या जिला प्रशासन व लोक निर्माण विभाग उनसे किराए की राशि वसूलेगा?
सामग्री का ब्यौरा ले प्रशासन तो खुले पोल
जानकारों की माने तो सिविल लाइन का क्वार्टर अपने ही हस्ताक्षर से आवंटित करने वाले कार्यपालन यंत्री का परिवार सिविल लाइन में रहता है जहां के लिए टीवी., फ्रिज, कूलर, सोफा-सेट, पलंग आदि सामग्री अचानक कैसे पहुंच गई? यह जांच का विषय है। सर्किट हाउस के प्रभारी शिवेन्द्र द्विवेदी से यदि सिटी मजिस्ट्रेट यदि सम्पूर्ण साम्रगियों का ब्यौरा लें तो यह साबित हो जाएगा कि सर्किट हाउस के लिए आई सामग्री आखिर कहां गई?आरोप तो यहां तक लग रहे हैं कि एमपी टूरिज्म के हवाले होने के पहले चित्रकूट रेस्ट हाउस का कीमती सामान खुर्द-बुर्द कर लिया गया है। सूत्रों की मानें तो यह मामला भी विधानसभा में गूंजेगा।
कलेक्टर को विधायक ने लिखा पत्र
भाजपा विधायक प्रदीप पटेल द्वारा इस मामले में कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। लिखे पत्र में बताया गया कि कार्यपालन यंत्री जुलाई 2019 यानि करीब 18 माह से सर्किट हाउस के रूम में अवैधानिक रूप से कब्जा किए हुए हैं। पत्र में बताया गया कि इनके द्वारा पहले 3 माह कक्ष क्रमांक बी-3 में बिना किसी लिखित आदेश के कब्जा किया गया। इसके बाद कक्ष क्रमांक बी-5 में अवैध रूप से निवासरत हैं।
विधायक ने यह भी बताया कि अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के पास जो सूची है उसमें कक्ष क्रमांक बी-5 को हटवा दिया गया है जिस कारण एसडीएम द्वारा इस कक्ष को आवंटित न किया जा सके । इतना ही नहीं बीके विश्वकर्मा ने अपने ही हस्ताक्षर से सिविल लाइन रेस्ट हाउस में एक क्वार्टर एलाटमेंट कर रखा है। विधायक प्रदीप पटेल ने अपने पत्र में यह सवाल भी उठाया हैं कि कार्यपालन यंत्री को शासन की ओर से जब घर आवंटित है तो जुलाई 2019 से आज तक यह अधिकारी सर्किट हाउस में बिना किसी वैध लिखित आदेश के कैसे रह सकता है?
कहीं महंगा न पड़ जाए सचिव से पंगा
विभाग सहित प्रशासनिक अमले के बीच अक्सर विवादों में रहने वाले लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री बसंत कुमार विश्वकर्मा बहुचर्चित हवाई पट्टी निर्माण के मामले में बड़ी कार्यवाही होते देख अपना आपा खो चुके हैं। जिसके चलते बीते दिनों उन्होंने विधानसभा के अपर सचिव वीरेन्द्र कुमार के स्टॉफ के साथ उस समय पंगा ले लिया जब सभी हॉल में बैठकर खाना खा रहें थे। इस बात की जानकारी मिलते ही अपर सचिव ने ईई द्वारा की गई अभद्रता की शिकायत रात में ही कलेक्टर से की। बयान लेने पर ईई विश्वकर्मा द्वारा की गई अभद्रता की पुष्टि हुई है।
स्थाईतौर पर सर्किट हाउस में कोई शासकीय कर्मचारी नहीं रह सकता। कमरा एलॉट होने के बावजूद ईई के द्वारा सर्किट हाउस के कमरे में रहना आपत्तिजनक है। ईई कब से सर्किट हाउस के कमरे में रह रहे हैं। इसकी जानकारी लेकर उनसे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सर्किट हाउस के कमरों में ठहरने के जो नियम है वे कार्यपालन यंत्री पर भी लागू होंगे।
राजेश शाही, एसडीएम सिटी