युवा हमारे देश का भविष्य और ताकत भी: डा. आरएस गुप्ता

सतना। युवा हमारे देश का भविष्य भी हैँ और ताकत भी , जिन्हें चुनौतियों का डटकर सामना करना चाहिए। मन थोड़ा सा निराश हो तो  महापुरुषों की कविताएं एवं उनके प्रेरणा दायक कथनों को ध्यान कर लेना चाहिए। अटल जी की कविता हार नहीं मानूंगा रार नई ठानूंगा को अपनी कार्यशैली में अंगीकार करने वाले शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. आरएस गुप्ता अपने संघर्षो और चुनौतियो को आज भी ध्यान रखते हैं। यूपी के बांदा जिले से 18 किमी दूर मटौंध गांव में एक साधारण से किसान परिवार में जन्मे डा. आरएस गुप्ता ने स्टार समाचार से चर्चा के दौरान अपने अनुभवों को कुछ यूं साझा किया- 

सवाल: महाविद्यालय में आप प्राचार्य पद पर हैं। क्या चुनौतियां है कैसे दूर करेंगे? 
जवाब: देखिए महाविद्यालय में चुनौतियां तो कई हैं। प्राचार्य की कुर्सी के लिए मेरे से 4 लोग सीनियर थे। कोई पद संभालने के लिए आगे नहीं आया। मैने महाविद्यालय में हर स्तर पर काम किया है। कहां क्या कैसे होता है पता है। आने वाले दिनों में महाविद्यालय में बेहतर व्यवस्थाएं होंगी। 

सवाल: ऐसा सामने आ रहा है कि महाविद्यालय में छात्र संख्या इस बार सबसे ज्यादा है एक साथ क्लास नहीं लगाई जा सकती आपका क्या कहना है? 
जवाब: ये सही है कि महाविद्यालय में लगभग 12 हजार से ज्यादा छात्र हैं एक साथ क्लास नहीं लगाई जा सकती। 60 प्रतिशत सीटें बढ़ी हैं। 

सवाल: तो क्या एक और महाविद्यालय होना चाहिए? 
जवाब: हां बिल्कुल होना चाहिए। मेरा मानना है कि तहसील स्तर में जो बड़े महाविद्यालय हैं जैसे मैहर, नागौद, अमरपाटन के साथ सतना गर्ल्स कॉलेज में भी स्नातकोत्तर कक्षाएं भी खोली जाएं। स्नातक विषयों पर कक्षाएं चल रही हैं। अगर स्नातकोत्तर विषय की कक्षाएं शुरू हो जाएं तभी डिग्री कॉलेज का लोड कम हो सकता है। साइंस के विद्यार्थियों की भीड़ ज्यादा है। 

सवाल: क्या आपको लगता है कि सरकार महाविद्यालयों पर कम ध्यान दे रही है। 
जवाब: नहीं -नहीं। ऐसा नही है। उदाहरण के लिए सरकार ने पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया है। हर जगह कालेज खुले हैं, बदेरा, अमदरा तक में, ताकि गांव का बच्चा गांव में पढ़े लेकिन सब शहर की तरफ ही भागते हैं। 

सवाल: आगे बढ़ने के लिए सही मार्गदर्शन कितना जरूरी है? 
जवाब: हां मार्गदर्शन आवश्यक है क्योंकि  सही गाइड लाइन न मिलने पर उनकी दिशा  तय नहीं हो पाती कि उन्हें क्या करना है और किस दिशा में जाना है। 

सवाल: क्या आपके परिवार से कोई सरकारी कर्मचारी था? 
जवाब: नहीं, मै एक साधारण से किसान परिवार से रहा हंू, हां पर मेरे मार्गदर्शक मेरे बड़े भाई  रहे। आज भी मै उन्हें याद करता हूं जिसकी वजह से मै एक अच्छे मुकाम तक पहुंचा। 

सवाल: क्या आने वाले दिनों में कुछ नई सुविधाएं मिलेगी? 
जवाब: हां बिल्कुल। विश्व बैंक द्वारा ग्रेड के हिसाब से काफी पैसा दिया गया। जो कई सेक्टर में हैं। प्रपोजल में कई सारी योजनाएं हैं। 

सवाल: आप अपनी तरफ से विद्यार्थियों को क्या संदेश देना चाहेंगे? 
जवाब: मै यही कहना चाहता हूं कि विद्यार्थियों को खूब मेहनत करनी चाहिए। शासन की योजनाओं का लाभ उठाएं, मेहनत का फल मीठा होता है।