टोल बैरियर: पहले कलेक्टर ने किया अवैध अब सदन में सवालों की बौछार

सतना | लोक निर्माण विभाग इस बार 22 फरवरी से प्रारंभ होने जा रही विधानसभा में चैतरफा घिरा हुआ है। खास कर सतना सहित रीवा संभाग में की गई अनिय मितता के मामले में स्थानीय विधायकों ने ही घेराबंदी कर रही है। इन्हीं में से महत्वपूर्ण रिंग रोड का टोल बैरियर है। जिसे तीन एसडीएम स्तर के अधिकारियों की टीम बनाकर जांच कराई गई और प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने बैरियर को अवैध घोषित कर दिया।

पीडब्लूडी विभाग द्वारा करीब 3 करोड़ 80 लाख की लागत लगाए जाने के बाद अवैध रूप से एमपीआरडीसी ने अप्रैल 2019 से वसूली प्रारंभ किए जाने का मुद्दा उठाते हुए मैहर विधायक  नारायण त्रिपाठी ने अपने अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2514 के जरिए यह जानना चाहा है कि उक्त अवधि में कितने और कौन-कौन कार्यपालन यंत्री रहे जिनके द्वारा डामरीकरण नवीनीकरण कार्य में कितनी राशि व्यय की गई? एमपीआरडीसी शहडोल के प्रबंधक को अवैध बैरियर के माध्यम से की गई वसूली की रिकवरी के साथ दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जाएगी?  

इतना ही नहीं इसी प्रश्न में पी डब्लू डी के कार्यपालन यंत्रियों द्वारा शासन की राशि का व्यय करने वाले अधिकारियों को दोषी माना जाएगा या नहीं ? जानकारी के अनुसार विधानसभा के दूसरे चरण में आधा दर्जन प्रश्न पहुंचे हैं। जिसमें सत्ता पक्ष के वरिष्ठ विधायक जुगुल किशोर बागरी ने तीन क्रमश: अतारांकित प्रश्न  क्रमांक 2136, 2138 एवं तारांकित प्रश्न क्रमांक 2137, चित्रकूट विधायक निलांशु चतुर्वेदी  के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2352 तथा बड़वारा विधायक के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2247 के माध्यम से सतना सहित रीवा एवं शहडोल संभाग के विभिन्न जिलों के लोक निर्माण विभाग को घेरा गया है।

ऐसे-ऐसे हैं विधानसभा सवाल
क्या यह सत्य है, कि लोक निर्माण विभाग सतना के कार्यरत श्रमिको के सेवा पुस्तिका में जन्मतिथि काट छांट कर अंकित जन्मतिथि को परिवर्तन कर 5 से 10 वर्ष बढ़ाकर शासन को पूरे जिले में करोड़ो रुपए की छति पहुचायी गयी है उक्त सम्बन्ध में जांच हेतु तत्कालीन कार्यपालन यंत्री द्वारा पत्र क्र. 9647 दि. 29सितंबर .2020 को 9 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था, चार माह से ऊपर हो गये हैं कमेटी को गठन हुए, प्रश्न दि. तक क्या कार्यवाही की गई? उसकी जानकारी उपलब्ध करायें?

बीटी रियुन्वल के तहत पिछले 2 वर्षो में कौन-कौन सी सड़को के  पेचवर्क कार्य स्थाई श्रमिको से और किस सड़क का यहीं कार्य निविदा आमांत्रित कर किया गया है ? डामरीकरण नियमत: कितने वर्ष में होता है और कितने वर्ष बाद किस-किस मार्ग में यह कार्य कराया गया है?

पूर्व में किए गए कार्यो का मार्गवार, वर्षवार के विवरण के साथ ही निविदा आमंत्रित किए जाने की भी जानकारी मांगी गई है। बीते दो वर्ष में जिले में संविदाकारों द्वारा कराए गए मार्गो के पेंचवर्क में शामिल स्थाई कर्मचारियों की संख्या कितनी थी यदि थी तो निविदा के माध्यम से कार्य क्यों कराया गया?

क्या यह सत्य है कि सतना जिले के लोक निर्माण विभाग के रिंग रोड में अप्रैल माह 2019 से अवैध टोल बैरियर लगा कर अवैध वसूली प्रारंभ की गयी है । उक्त अवधि में कौन कार्यपालन का कार्यकाल रहा है। उसका नाम क्या है। क्या सत्य है कि अवैध वसूली होने पर उक्त मार्ग में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री के द्वारा डामर नवीनीकरण कार्य किया गया है। किस अवधि में कितनी राशि व्यय की गयी है। कार्यपालन यंत्री का नाम क्या है। विवरण की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये और क्या कार्यवाही की गयी है।

क्या सत्य है कि कार्यपालन यंत्री सतना के द्वारा संभागीय प्रबंध मप्र सड़क विकास शहडोल अवैध मानकर बंद करने हेतु निर्देशित किया तो संभागीय प्रबंधक के द्वारा नियमानुसार और सहीं किस दिनांक को बताया गया है । उक्त संभागीय प्रबंधक शहडोल पदस्थ का क्या नाम है। क्या सत्य है कि कलेक्टर सतना ने जिला ट्रांसपोर्ट के पदाधिकारियों के शिकायत पर जॉच करने पर अवैध होने पर वसूली को रोकी गयी है तो अवैध वसूली के दौरान पर लोक निर्माण विभाग द्वारा शासन की राशि उक्त माग में व्यय  राशि को कौन कौन अधिकारी जिम्मेवार है। कौन कौन अधिकारी दोषी है । जो भी दोषी है उस अधिकारी से कब से वसूली प्रारंभ की जायेगी । वसूली की जाने वाले राशि के साथ अधिकारी के नामों का प्रतिलिपि उपलब्ध कराये।