2 साल लंबे इंतजार के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों का हल्ला-बोल

2 साल के लंबे इंतजार के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों का हल्ला-बोल, अंबेडकर पार्क में डालेंगे डेरा

2 साल लंबे इंतजार के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों का हल्ला-बोल

भोपाल: मध्यप्रदेश के सभी आउटसोर्स, संविदा और अस्थायी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर एक बड़ा प्रदर्शन करने जा रहे हैं। कर्मचारियों को प्रदर्शन की अनुमति पूरे 2 साल के लंबे इंतजार के बाद मिली है अपनी मांगों को लेकर 8 अलग-अलग संगठनों के कर्मचारी 12 अक्टूबर को भोपाल के अंबेडकर पार्क में जुटेंगे और सरकार के सामने अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

नियमितीकरण और समान वेतन की मांग

कर्मचारियों की सबसे प्रमुख मांग सभी अस्थायी, आउटसोर्स, अंशकालीन और संविदा कर्मचारियों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के खाली पड़े पदों पर नियमित करने की है। कर्मचारियों के मुताबिक, सालों से वे सरकारी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो नौकरी की सुरक्षा मिलती है और न ही सम्मानजनक वेतन मिलता है।  कर्मचारियों की मांग है कि सरकार ‘समान कार्य, समान वेतन’ की नीति को तत्काल प्रभाव से लागू करे या फिर सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम 21,000 रुपये मासिक वेतन सुनिश्चित किया जाए।

ठेका प्रथा खत्म करने की मांग

प्रदर्शन की मदद से कर्मचारी प्रदेश में नौकरियों में लागू ठेका प्रथा, कंपनी राज और अस्थायी व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करने की मांग करेंगे। इसके अलावा, बैंक ग्राहक सेवा केंद्रों से कंपनियों को हटाकर ‘बैंक मित्रों’ को सीधे बैंक से जोड़ने और उन्हें नियमित वेतन देने की मांग भी उठाई जाएगी। इसके साथ ही, लोकल यूथ राजस्व सर्वेयर के लिए भी एक निश्चित मासिक वेतन तय कर उन्हें नियमित रोजगार देने की मांग भी रखी जाएगी। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के शामिल होने की उम्मीद है।