उग्र छात्र आंदोलन, विश्वविद्यालय में एनएसयूआई का प्रदर्शन

पुलिस ने की लाठीचार्ज और आंसू गैस वाटर कैनन की कार्रवाई प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस में हुई झड़प, 16 गिरफ्तार,फर्जी फीस वसूली रिजल्ट गड़बड़ी और स्कॉलरशिप घोटाला छात्रों की समस्या समाधान में उदासीनता का आरोप

उग्र छात्र आंदोलन, विश्वविद्यालय में एनएसयूआई का प्रदर्शन

रीवा। जिले के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एनएसयूआई ने सोमवार को उग्र प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में जुटे कार्यकर्ता रैली निकालकर विश्वविद्यालय की और बढ़ रहे थे, जिन्हें रोकने के लिए भारी पुलिस बल पहुंचा। रोकने पर जब कार्यकर्ता नहीं रुके तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का उपयोग किया। इससे विश्वविद्यालय मुख्य द्वार के पहले सड़क पर देर तक ने सख्ती के साथ कार्यकताओं को तितर-बितर किया। कई छात्रों पर लाठियां भी भांजी, जिससे उनको चोटें आई है। प्रदर्शनकारी 16 छात्र नेताओं को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में मुचलके पर छोड़ दिया गया।बताया गया है कि विश्वविद्यालय के एमबीए-विधि विभाग को समीप पहुंचते ही एनए‌सयूआई को पुलिस में रोक लिया। पुलिस एनएसयूआई को विवि नहीं जाने दे रही थी। जिसके बाद पुलिस और एनएसयूआई के बीच जमकर बहसबाजी हुई।

जब एनए‌सयूआई पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ तो पुलिस को पानी की बौछारों का उपयोग करना पड़ा। पानी की बौछारों के बीच पुलिस और एनए‌सयूआई के बीच हल्की झड़प भी देखने को मिली। पानी की बौछारों से बचने के लिए एनएसयूआई कार्यकर्ता इधर-उधर हो जाए। एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि परीक्षाओं और परिणामों में भारी गड़बड़ी हो रही है, छात्रों से फर्जी तरीके से फीस वसूली जा रही है और छात्रवृत्तियों के नाम पर तीन तीन वर्षों से उन्हें ठगा जा रहा है। उन्होंने एलएलबी प्रश्नपत्र लीक, खिलाडियों को नेशनल गेम्स में भाग लेने से रोकने तथा कई विभागीय खर्चो में अनियमितता का भी आरोप लगाया। पंकज ने बताया कि विश्वविद्यालय ने आउटसोर्स एजेंसी को कॉपी जांच और रिजल्ट जारी करने का कार्य सौंप दिया है, जबकि विश्वविद्यालय के पास खुद का स्टाफ और सिस्टम है। उन्होंने ओपन टेंडर प्रक्रिया बंद कर अपने लोगों को ठेके देने का आरोप भी लगाया। छात्रों ने हॉस्टल में बदतर हालात, हेल्पलाइन का अभाव परीक्षा परिणाम में देरी, उत्तर पुस्तिकाओं के गायब होने, शिक्षा में पक्षपात, पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया को बंद करना, मान्यता रद्द कोर्सों की बहाली, पूरक परीक्षा परिणाम में देरी जैसी समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि छात्र लगातार परेशान हो रहे हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम

छात्रों की समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये से नाराज एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तीखा रुख अख्तियार किया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी सात दिनों में छात्र हितों से जुड़ी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो शहरभर के कॉलेजों के विद्यार्थियों को साथ लेकर बड़ा विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।एनएसयूआई पदाधिकारियों के अनुसार, बार-बार ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद न तो बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ है और न ही प्रशासनिक उदासीनता में कोई बदलाव देखने को मिला है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर छात्रों में गहरी नाराजगी है, जिसे अब दबाया नहीं जाएगा। छात्रों का आरोप है कि प्रशासन केवल आश्वासन देकर टालमटोल कर रहा है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। संगठन का कहना है कि अब संघर्ष तेज किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा।

इन छात्र नेताओं को पुलिस ने लिया हिरासत में

एनएसयूआई के प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय के अलावा, सत्यम मिश्रा, शशिमोल तिवारी, सत्यम शुक्ला, अंकित गहरवार, सुधांशु, आशुतोष,  देवांश,अनुराग द्विवेदी और सक्षम सिंह प्रमुख छात्र नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इन छात्रों को बाद में मुचलके पर छोड़ दिया गया।

छात्रों पर पुलिस बल का प्रयोग करना निंदनीय

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने एनएसयूआई के प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस के प्रयोग की निंदा की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन छात्रों की जायज मांगों को सुने बिना उन पर बर्बर कार्रवाई करना निंदनीय है। शर्मा ने कहा कि छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन की अनियमितताओं, परीक्षा परिणामों में गड़बड़ियों और हॉस्टल में रह रहे छात्रों की समस्याओं को लेकर आंदोलनरत थे। प्रशासन को चाहिए था कि छात्रों से संवाद कर समाधान खोजता, न कि बल प्रयोग करता। उन्होंने कहा कि यदि छात्रों की मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई और पुलिसिया बर्बरता के दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी। छात्र इस मामले में अकेले नहीं हैं