बच्चों का बजट बढ़ा, लेकिन थाली में पोषण नहीं- जीतू पटवारी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था भ्रष्टाचार और कुपोषण से जूझ रही है, बजट बढ़ने के बावजूद बच्चों तक सुविधाएँ नहीं पहुँच रही और इसकी जाँच होनी चाहिए।
भोपाल:मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के पोषण को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि देश के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान स्कूलों में बच्चों को अच्छा भोजन, ड्राई फ्रूट्स और दूध देने की बात कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है।
स्कूल शिक्षा का बजट 37 हजार करोड़
ग्वालियर में बच्चों के खाने में मेंढक निकलने की घटना इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि आज स्कूल शिक्षा का बजट 37 हजार करोड़ रुपये है, लेकिन बच्चों पर सिर्फ डेढ़ करोड़ रुपये ही खर्च हो रहे हैं। मिड-डे मील में बच्चों को केवल 12 रुपये मिल रहे हैं, जबकि प्रदेश में प्रतिदिन एक गाय पर 40 रुपये खर्च किए जा रहे हैं। दोनों ही कुपोषण का शिकार हैं और एमपी के बच्चे कुपोषण में देश में नंबर वन पर हैं।
बच्चों के पेट का निवाला सरकारी लोगों ने खाया - जीतू पटवारी
पटवारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह “अलीबाबा 40 चोरों की सरकार” है, जो चोरी में लगी हुई है। सरकारी आँकड़े बता रहे हैं कि स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 हज़ार से भी कम हो गई है और पिछले आठ साल में 50 लाख छात्रों के नाम स्कूल रिकॉर्ड से घट गए हैं, जबकि बजट बढ़ा दिया गया है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए, क्योंकि बच्चों के पेट का निवाला सरकारी लोगों ने खा लिया है।
प्रदेश के 25 प्रतिशत स्कूलों में गणित और विज्ञान के शिक्षक नहीं
आगे पीसीसी चीफ ने कहा कि प्रदेश के 25 प्रतिशत स्कूलों में गणित और विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं, 10 हज़ार स्कूल बिना प्रिंसिपल के चल रहे हैं और शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मरम्मत पर अब तक केवल 300 रुपये खर्च किए हैं। 50 लाख से ज़्यादा बच्चों के रिकॉर्ड से गायब होने की भी जाँच होनी चाहिए।
sanjay patidar 
