जीतू पटवारी की नई टीम के ऐलान में देरी, गुजरात के बाद आयेगा एमपी का नंबर!

मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा चल रही थी कि जल्द जीतू पटवारी नए जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों का ऐलान कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है. माना जा रहा है कि अभी मध्यप्रदेश कांग्रेस में जिला अध्यक्षों की घोषणा के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.

जीतू पटवारी की नई टीम के ऐलान में देरी, गुजरात के बाद आयेगा एमपी का नंबर!
जीतू पटवारी की नई टीम के ऐलान में देरी

मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा चल रही थी कि जल्द जीतू पटवारी नए जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों का ऐलान कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है. माना जा रहा है कि अभी मध्यप्रदेश कांग्रेस में जिला अध्यक्षों की घोषणा के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. हालांकि यह भी चर्चा है कि जिन पांच जिलों में जिलाध्यक्षों के पद खाली पड़े हैं, वहां सबसे पहले जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां इसी महीने में की जा सकती हैं. माना जा रहा है कि जीतू पटवारी की टीम जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर लगातार मंथन में जुटी है, लेकिन उन्हें फिलहाल कांग्रेस आलाकमान से हरी झंडी का इंतजार है. 

गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में होगा ऐलान 

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गुजरात में पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां सबसे पहले हो रही हैं, इसके बाद मध्यप्रदेश का नंबर आएगा, ऐसे में जून के महीने ही अब जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां फिलहाल संभव मानी जा रही हैं. क्योंकि फिलहाल कांग्रेस के नेता संविधान बचाओं अभियान में जुटे हैं, जबकि देश में जातिगत जनगणना का ऐलान होने के बाद कांग्रेस इसे भी भुनाने में जुटी है, कांग्रेस का मानना है कि जातिगत जनगणना कांग्रेस की मांग थी. बताया जा रहा है कि जीतू पटवारी जून तक अपने नए जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान कर सकते हैं, ऐसे में फिलहाल पुराने जिलाध्यक्ष ही अभी जिलों की कमान संभालेंगे. 

इन पांच जिलों में हो सकता है ऐलान 
रायसेन 
खंडवा शहर 
खंडवा ग्रामीण 
कटनी 
रतलाम शहर 

मध्यप्रदेश में कांग्रेस के संगठनात्मक तौर पर 72 जिले हैं, ऐसे में यहां जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां होती हैं, खास बात यह है कि रायसेन, खंडवा, कटनी और रतलाम जिलों में जिलाध्यक्ष के पद खाली हैं, ऐसे में इन जिलों में एक हफ्ते के अंदर जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान हो सकता है. यहां तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया गया है, जिन पर आलाकमान की हरी झंडी मिलेगी उन्हें अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.