CM डॉ. मोहन यादव ने इंदौर को दी कई सौगातें, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए अहम फैसले

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में शहर के विकास कार्यों को लेकर एक अहम समीक्षा बैठक ली।

CM डॉ. मोहन यादव ने इंदौर को दी कई सौगातें, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए अहम फैसले

इंदौर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में शहर के विकास कार्यों को लेकर एक अहम समीक्षा बैठक ली। बैठक की शुरुआत में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने पर उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज़ हुई है और इंदौर को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। इस मैराथन बैठक में इंदौर और उसके विस्तृत मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई बड़े निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह बैठक इंदौर के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी परियोजनाएँ धरातल पर उतरेंगी और इंदौर आने वाले वर्षों में देश के अग्रणी महानगरों में शामिल होगा।

भूमिगत होगा मेट्रो का प्रमुख हिस्सा

बैठक में मेट्रो परियोजना के रूट निर्धारण पर विस्तृत चर्चा की गई। बताया गया कि मूल प्रस्ताव संशोधित होने के बाद भी समस्याएँ बनी रहीं, इसलिए सुझाव आया कि मेट्रो के मुख्य हिस्से को पूरी तरह भूमिगत किया जाए। मुख्य हिस्से को भूमिगत करने के लिये निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए लगभग 900 करोड़ रुपये का भार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय इंदौर के भविष्य को देखते हुए लिया गया है ताकि मेट्रो का अधिकतम लाभ जनता को मिले और यातायात प्रबंधन बेहतर हो।

एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एलिवेटेड कॉरिडोर की यह परियोजना इंदौर शहर के यातायात के लिये अतिमहत्वपूर्ण है। इसका निर्माण शीघ्र प्रारंभ किया जाये। एलिवेटेड कॉरिडोर के जंक्शन, रोटरी, लंबाई आदि पर शीघ्र तकनीकी और जनप्रतिनिधियों की बैठक कर अंतिम डिज़ाइन तय करें। बैठक में BRTS हटने के बाद शहर में नए वैज्ञानिक ट्रैफिक सर्वे के आधार पर एकीकृत ट्रैफिक प्लान तैयार करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि यह परियोजना आने वाले 25- 50 सालों तक इंदौर की ट्रैफिक समस्या का स्थायी समाधान देगी।

इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का होगा विस्तार

बैठक में इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र को भविष्य की दृष्टि से विस्तारित करने का निर्णय लिया गया। भविष्य को ध्यान में रखते हुए  इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में उज्जैन, देवास, धार, रतलाम, नागदा, बदनावर और शाजापुर–मक्सी क्षेत्रों के साथ जोड़कर लगभग 14,000 वर्ग किलोमीटर का मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि इस क्षेत्र में पांच से अधिक बड़े रेलवे जंक्शन,एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट,उज्जैन और रतलाम के भविष्य के एयरपोर्ट,दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेस-वे,दिल्ली–मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर,इंदौर–मनमाड़ रेल लाइन इन्हें आधार बनाकर इंदौर को देश का बड़ा व्यापार–उद्योग–पर्यटन हब बनाने की योजना है।

स्टार्टअप पार्क और अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर देगा नई आर्थिक पहचान

बैठक में एमआर-10 के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टार्टअप पार्क और कन्वेंशन सेंटर की स्थापना का निर्णय लिया गया। बताया गया कि भारत सरकार भी इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने को तैयार है। यह इंदौर को मध्य भारत का सबसे बड़ा इनोवेशन सेंटर बनाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कन्वेंशन सेंटर को नई दिल्ली के भारत भवन के तर्ज पर विकसित किया जाये। बताया गया कि कन्वेंशन सेंटर की लागत 550 से 600 करोड़ के लगभग है। इसे तीन वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका संचालन पीपीपी के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है। इसकी इंडोर क्षमता 5 हजार और आउट डोर क्षमता 10 हजार रहेगी।

हुकुमचंद मिल परियोजना बनेगी देश के लिये मॉडल

बैठक में बताया गया कि हुकुमचंद मिल परियोजना का क्रियान्वयन जल्द प्रारंभ होगा। इस मिल की भूमि का पंजीयन मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के नाम पर हो गया है। भूमि हस्तांतरित कर दी गयी है। सम्पूर्ण 17.5 हेक्टेयर भूमि के विकास के लिये डीपीआर तैयार हो गयी है। निविदा की कार्यवाही प्रचलित है। आगामी तीन वर्षों में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस भूमि का ऐसा विकास किया जाये,जो देश के लिये मॉडल हो। इसमें देश की शीर्षस्थ नियोजकों की मदद ली जाये। बड़े निवेशकों को भी निवेश के लिये प्रोत्साहित किया जाये।

बैठक में इंदौर शहर को फ्यूचर रेडी बनाने के लिए निर्णय लिये गये। इसके तहत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्मार्ट सीसीटीवी नेटवर्क स्थापना,उन्नत आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने,ई-बस प्रोजेक्ट संचालित करने,स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम लागू करने आदि पर तेज़ी से कार्य करने के निर्देश दिए गए। बैठक में बताया गया कि  जनसहभागिता आधारित सीसीटीवी नेटवर्क स्थापित किया जायेगा। इसके तहत 13690 स्थान चिन्हित किये गये हैं, जहाँ लगभग 60 हजार कैमरों की स्थापना की जायेगी। इसकी एकीकृत कन्ट्रोल रूम के माध्यम से मॉनिटरिंग होगी। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सीसीटीवी निगरानी नेटवर्क स्थापित किये जायेंगे। बैठक में बताया गया कि पीएम ई-बस सेवा का संचालन होगा। इसके तहत 270 ई-बसें चलायी जायेंगी। यह बसें आगामी मार्च माह से शहर में चलना शुरू हो जायेंगी। इससे सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।

स्लम-फ्री इंदौर और आवास योजना

शहर की झुग्गी बस्तियों के पूर्ण पुनर्वास के लिए उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़कर स्थायी आवास देने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में बताया गया कि इसके तहत आगामी तीन वर्षों में डेढ़ लाख घर बनाये जायेंगे। इसके लिये वर्तमान में 10 स्थानों के लिये डीपीआर तैयार की जा रही है।

इंदौर-पीथमपुर इकोनोमिक कॉरिडोर को मिलेगी गति

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर-पीथमपुर इकोनोमिक कॉरिडोर की समीक्षा भी की। उन्होंने इस कॉरिडोर के निर्माण को गति देने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर अपने पूर्ण स्वरूप में विकसित किया जाये। यह प्रयास किये जायें कि यहाँ तेजी से औद्योगिक ईकाईयां स्थापित हों। इसके लिये निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाये तथा भू-स्वामियों को भी आवश्यक मदद दी जाये।

इस विकास समीक्षा बैठक में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मैंदोला, गोलू शुक्ला, मालिनी गौड़ सहित सांसद शंकर लालवानी, महेंद्र हार्डिया और मधु वर्मा ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। सभी जनप्रतिनिधियों ने इंदौर के विकास को लेकर अपने-अपने सुझाव भी रखे।

विकास सर्वोपरि, लापरवाही पर सख्त रुख

पूरी बैठक का फोकस विकास पर केंद्रित रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को दो टूक संदेश दिया कि प्रशासनिक कामकाज में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इंदौर के विकास कार्य प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं और तय समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ इन्हें पूरा किया जाना चाहिए।