MP NEWS : एमपी कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक बदलाव, जिलों में उतरे 50 ऑब्जर्वर
मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में जल्द ही बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। जानकारी के अनुसार, आगामी दो महीनों में प्रदेश के सभी जिला और शहर अध्यक्षों को बदला जाएगा। संगठन में नई ऊर्जा और कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है।

भोपाल. मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में जल्द ही बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। जानकारी के अनुसार, आगामी दो महीनों में प्रदेश के सभी जिला और शहर अध्यक्षों को बदला जाएगा। संगठन में नई ऊर्जा और कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है। इस बदलाव से पहले कांग्रेस हाईकमान ने सूक्ष्म स्तर पर समीक्षा की तैयारी की है। इसके तहत ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) ने 50 ऑब्जर्वरों की टीम बनाई है, जिसमें प्रत्येक ऑब्जर्वर को एक-एक जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह टीमें माइक्रो लेवल पर कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और संगठन की स्थिति का आंकलन करेंगी। इस प्रक्रिया के बाद ही नए जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। माना जा रहा है कि इससे कांग्रेस संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने में मदद मिलेगी।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत MP कांग्रेस में बदलाव
मध्य प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की बड़ी तैयारी शुरू हो गई है। गुजरात अधिवेशन में लिए गए फैसले के तहत अब कांग्रेस संगठन को नए ढांचे और सोच के साथ मजबूत करने की दिशा में काम हो रहा है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश और हरियाणा को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है, जहां संगठनात्मक सर्जन किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत एमपी कांग्रेस के सभी जिला और शहर अध्यक्षों को बदला जाएगा। इससे पहले गुजरात में भी इसी मॉडल पर संगठन सुदृढ़ किया गया था। अब मध्य प्रदेश में भी आईसीसी द्वारा नियुक्त 50 ऑब्जर्वर मैदान में उतारे गए हैं, जिन्हें हर जिले की जिम्मेदारी दी गई है। ये ऑब्जर्वर जमीनी स्तर पर संगठन की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।
बूथ लेवल पर संगठन सर्जन की तैयारी
इस कवायद का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस संगठन को बूथ लेवल पर मजबूत करना है। इसके अलावा, पार्टी नेताओं के समर्थकों के बजाय निष्ठावान और सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिला और शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिससे पार्टी को वास्तविक ताकत देने वाले कार्यकर्ताओं को आगे लाया जा सके। यह बदलाव कांग्रेस को आगामी चुनावों में बेहतर स्थिति में लाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
अब दिल्ली तय करेगी कांग्रेस जिलाध्यक्ष
मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में होने वाले बड़े बदलाव की प्रक्रिया अब तय ढर्रे से आगे बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक, आईसीसी द्वारा नियुक्त ऑब्जर्वरों को दो महीने का समय दिया गया है, जिसके भीतर उन्हें अपने-अपने जिलों की रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति होगी।
हर जिले से बनेगा 5 नामों का पैनल
बताया जा रहा है कि हर जिले में पांच नेताओं का एक पैनल तैयार किया जाएगा। इन नेताओं का इंटरव्यू दिल्ली में होगा, जहां कांग्रेस हाईकमान द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसका मतलब साफ है कि इस बार जिलाध्यक्षों के चयन में भोपाल के बजाय दिल्ली की भूमिका अहम रहने वाली है। ऑब्जर्वर माइक्रो लेवल पर संगठन का मूल्यांकन कर रहे हैं। जिन जिलों में संगठन कमजोर नजर आ रहा है, वहां विशेष फोकस किया जा रहा है। यह बदलाव सिर्फ चेहरे बदलने का नहीं, बल्कि कांग्रेस संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की रणनीतिक पहल है।