गांवों में लो वोल्टेज की परेशानी बरकरार, अरबों खर्च के बाद भी बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी

जिले के गांवों में अभी भी लो वोल्टेज और अनियमित बिजली सप्लाई की समस्या बनी हुई है। पिछले दस सालों में कई योजनाओं पर अरबों रुपये खर्च हुए, लेकिन बिजली व्यवस्था में खास सुधार नहीं हुआ। ट्रांसफॉर्मर और लाइन खराब होने पर समय पर मरम्मत भी नहीं हो पा रही है। नई योजनाओं का काम भी धीमी गति से चल रहा है।

गांवों में लो वोल्टेज की परेशानी बरकरार, अरबों खर्च के बाद भी बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी

जिले के ग्रामीण इलाकों में लोग आज भी बिजली की परेशानियों से जूझ रहे हैं। पिछले दस साल में बिजली विभाग ने कई योजनाएं शुरू कीं और अरबों रुपये खर्च कर दिए, लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं निकला। गांवों में आज भी लो वोल्टेज, अनियमित सप्लाई और खराब ट्रांसफॉर्मर की समस्याएं बनी हुई हैं। बारिश के दिनों में तो हालत और खराब रहती है।

ग्रामीणों का कहना है कि सिंचाई के लिए भी समय पर बिजली नहीं मिलती। ट्रांसफॉर्मर या केबल खराब हो जाए तो हफ्तों तक ठीक नहीं किए जाते। सरकारें कागजों में किसानों और गरीब परिवारों को बिजली देने का वादा करती रहीं, लेकिन असल में स्थिति सुधरी नहीं।

पिछले वर्षों में मीटर कई बार बदले गए, मीटर को कभी घर से बाहर लगाया, कभी खंभे पर—अब स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। इतनी मशक्कत के बाद भी न तो विभाग को राहत है और न ही उपभोक्ता को सही सप्लाई मिल पा रही है।

बिजली की दिक्कत जस की तस

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से लेकर सौभाग्य योजना तक कई बड़ी योजनाएं ग्रामीण बिजली सुधार के लिए लाई गईं। सौभाग्य योजना में हजारों गरीब परिवारों को कनेक्शन देने की बात थी, लेकिन यह भी 2022 में बंद हो गई और ग्रामीणों की किस्मत नहीं बदली।

RDSS योजना के तहत जिले में 300 करोड़ से ज्यादा का काम होना है—नए उपकेंद्र, केबलीकरण और फीडर अलग-अलग करने का काम। लेकिन काम की रफ्तार अभी धीमी है।

भ्रष्टाचार और लापरवाही सबसे बड़ी वजह

कई योजनाएं जमीन पर उतरी ही नहीं। फीडर विभक्तिकरण और सौभाग्य योजना में करोड़ों के घोटाले की शिकायतें सामने आईं। अधिकारी समय पर खराब उपकरणों को नहीं बदलते, जिससे बिजली सप्लाई लगातार प्रभावित रहती है।

विभाग का दावा– काम जारी है

चीफ इंजीनियर प्रमा पांडेय का कहना है कि विभाग योजनाओं को ठीक तरीके से लागू कर रहा है। जहां तकनीकी दिक्कत आती है, उसका समाधान किया जाता है। फील्ड स्टाफ को शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के लिए कहा गया है।