इंदौर में 22 सितंबर को नो कार डे साइकिल पर निकले जनप्रतिनिधि-अधिकारी जनता से भी अपील

इंदौर में 22 सितंबर को नो कार डे के मौके पर साइकिल पर निकले जनप्रतिनिधि-अधिकारी जनता से भी की अपील

इंदौर में 22 सितंबर को नो कार डे साइकिल पर निकले जनप्रतिनिधि-अधिकारी जनता से भी अपील

इंदौर में 22 सितंबर को नो-कार डे है। इस अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सुबह साइकल चलाई। गीता भवन से पलासिया तक का क्षेत्र पूरी तरह कार फ्री जोन रहेगा। आयोजन का उद्देश्य लोगों को निजी वाहनों की जगह पर्यावरण-मित्र साधनों जैसे साइकिल, सार्वजनिक परिवहन और पैदल चलने की ओर प्रेरित करना है।

महापौर रेडियो कॉलोनी से साइकिल से पलासिया चौराहा पर आयोजित साइक्लोथोंन रैली में पहुंचे, पलासिया चौराहा से इंद्रप्रस्थ टावर रीगल चौराहा महारानी रोड रजवाड़ा से पुणे कोठारी मार्केट एमजी रोड होते हुए पुनः पलासिया तक आयोजित साइक्लोथॉन में साइकिल चलाकर सम्मिलित हुए। पलासिया चौराहा पर पहुंच कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी भी साइक्लोथोंन में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलपति राकेश सिंघाई, महापौर परिषद सदस्य नंदकिशोर पहाड़िया अभिषेक शर्मा बबलू एवं बड़ी संख्या में साइकिलिस्ट उपस्थित थे।

महापौर ने कहा कि भारत में पहला शहर इंदौर है जिसने नो कार डे मनाना शुरू किया है। यह एक दिन का सांकेतिक काम भविष्य के इंदौर को तैयार करने का अभियान है। साइकिल का उपयोग बढ़ेगा और सड़कों पर गाड़ियों के दबाव कम करने की बात आएगी तो हमारे इस अभियान को याद किया जाएगा।

ये पिछले सालों की सफलताएं

इस अभियान ने पिछले वर्षों में कई सफलताएं दर्ज की हैं। वर्ष 2023 में 80 हजार लीटर ईधन की बचत और वायु गुणवत्ता सूचकांक में 18 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया था। उस समय शहर के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ ही कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, तत्कालीन पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर और तत्कालीन नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह, आरटीओ सहित शहर के सभी अधिकारियों ने खुद कार का उपयोग नहीं कर एक उदाहरण दिया था। इसके बाद 2024 में पेंटिंग प्रतियोगिता, मैस्कॉट लॉन्च और म्यूजिकल इवेंट्स के माध्यम से अभियान का विस्तार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप एक लाख पचास हजार लीटर ईधन की बचत और वायु गुणवत्ता में 38 प्रतिशत सुधार दर्ज हुआ।