16 आदिवासियों को 30 एकड़ भूमि पर दिलाया कब्जा
रीवा | जिले के बनकुइयां तहसील अंतर्गत बम्हौरी गांव में वर्ष 2000 में आदिवासियों के लिए आवंटित की गई चरनोई की भूमि पर जिन लोगों ने कब्जा कर वर्षों से खेती कर रहे थे, उनके आधिपत्य से आज 30 एकड़ भूमि खाली करा ली गई है। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी के निर्देशन पर की गई इस कार्रवाई के बाद 20 वर्षों से जमीन के आधिपत्य को लेकर भटक रहे 16 आदिवासी परिवार 30 एकड़ भूमि में काबिज हो गए हैं।
शुक्रवार की सुबह भारी पुलिस बल के साथ बम्हौरी गांव पहुंची प्रशासनिक टीम ने आदिवासियों के लिए आवंटित भूमि का सीमांकन करना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रशासनिक अमले को विरोध का भी सामना करना पड़ा। हालांकि लोगों को समझाने के बाद उक्त भूमि आदिवासियों के सुपुर्द कर दी गई है। इस दौरान सिरमौर तहसीलदार जीतेन्द्र तिवारी, नायब तहसीलदार बनकुइयां श्रीमती रत्नराशि पाण्डेय, आरआई बनकुइयां मौजूद थे।
बोई गई फसल को काटने की मांगी इजाजत
बम्हौरी में आदिवासियों को आवंटित की गई जिस भूमि पर गांव के लोगों द्वारा कब्जा कर फसल बोई गई थी। सीमांकन के बाद भूमि छोड़ने के लिए तो वह राजी हो गए परंतु उन्होंने बोई गई फसल को काटने की इजाजत प्रशासन से मांगी है। इस दौरान उन्हें स्पष्ट कहा गया कि अगर जिन्हें भूमि दी गई है, वह अपनी मर्जी से आपको फसल काटने देते हैं तो इसमें प्रशासन कुछ नहीं कह सकता। बहरहाल जबरन फसल नहीं काटी जाएगी। खास बात यह है कि जिस आवंटित भूमि पर कब्जा 20 वर्षों से जिला प्रशासन द्वारा नहीं दिलाया जा सका, उसे कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने अपनी सूझबूझ से जिला प्रशासन के अधिकारियों को भेजकर भूमि का सीमांकन कराया गया और ऐसे परिवारों को कब्जा मौके से दिलाया गया है जिन्हें बीस वर्ष पूर्व उक्त भूमि आवंटित की गई थी। जमीन पर कब्जा मिल जाने के बाद आदिवासी परिवारों में खुशी का ठिकाना नहीं है।
इन्हें मिला भूमि पर कब्जा
जिन आदिवासी परिवारों को 30 एकड़ भूमि पर कब्जा दिलाया गया है उनमें मोतीलाल कोल, राजाराम साकेत, राजेन्द्र कुम्हार, मुन्नी बाई, हंसराज प्रजापति, रामकुशल कुम्हार, मुण्डलाल साकेत, शोभनाथ कुम्हार, शिवप्रसाद कुम्हार, समन साकेत, रामलोटन कोल, सहदेव साकेत, बिहारी कोल, रामस्वयंबर कोल, भोला कोल एवं छोटा कोल शामिल हैं।