EXPLAINER: भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट फायदा या नुकसान?

FTA क्या है? FTA से भारत और ब्रिटेन को फायदा होगा या नुकसान? साथ ही क्या ये एग्रीमेंट सिर्फ व्यापार तक सीमित रहेगा या दोनों देशों के संबंधों में भी सुधार लाएगा? जानेगें आज के EXPLAINER में.

EXPLAINER: भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट फायदा या नुकसान?

2022 से चल रही ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापार समझौते पर आखिरकार मुहर लग ही गई। 24 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर ने FTA पर साइन किया। 2024 की बात की जाए तो दोनों देशों के बीच 4.6 लाख करोड़ का व्यापार हुआ था। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझौते से 2030 तक निर्यात 1 ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। ये समझौता दोनों ही देशो के ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. ब्रिटेन ने बताया की 2016 ब्रेक्सिट के बाद ये पहला फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है जो ब्रिटेन ने किसी देश के साथ किया है.

FTA है क्या?

FTA यानी कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट—मुक्त व्यापार समझौता—ये एक तरह का व्यापारिक समझौता है जो इसलिए किया जाता है ताकि देश आपस में आसानी से व्यापार कर सकें। इस तरह के एग्रीमेंट्स में शामिल देश एक-दूसरे पर 0 टैरिफ या फिर न के बराबर टैरिफ लगाते हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा व्यापार हो सके। बात करें भारत और ब्रिटेन की, तो दोनों ही देशों के बीच 2022 से इसे लेकर बात चल रही थी और आखिरकार 24 जुलाई को दोनों देशों ने इस पर साइन कर ही दिया। अब भारत से ब्रिटेन निर्यात की गई वस्तुओं पर न के बराबर टैक्स लगेगा, जिससे देश के निर्यात में बढ़ोतरी होगी। ठीक ऐसे ही ब्रिटेन से आने वाली चीजें भारत में अब सस्ती होंगी।

भारत को इस समझौते से क्या लाभ मिलेगा?

भारत ब्रिटेन से कार, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिकल्स, चिकित्सा उपकरण, व्हिस्की, बिस्किट, चॉकलेट मंगवाता है। इस समझौते से भारत में ये सारी चीजें सस्ती हो जाएंगी। साथ ही भारत टेक्सटाइल, फुटवियर, जेम्स एंड ज्वेलरी, सीफूड और इंजीनियरिंग उत्पादों को ब्रिटेन में कम टैक्स पर आसानी से बेच पाएगा, जिससे भारत का निर्यात बढ़ेगा। साथ ही भारत के कृषि उत्पाद और प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री को भी ब्रिटेन के बाज़ार में बेचा जाएगा, जिससे भारत को फायदा होगा। भारत के किसानों, मछुआरों और MSME सेक्टर को भी इससे फायदा होगा।

इसके साथ ही दोनों देशों ने रक्षा, शिक्षा, जलवायु, तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है। ये एग्रीमेंट सिर्फ उत्पादों तक सीमित नहीं होगा। इस एग्रीमेंट के तहत अब भारत के लोग ब्रिटेन में जाकर सर्विसेज दे सकते है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने दावा किया कि इसएग्रीमेंट से पूरे ब्रिटेन में 2,200 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी. इसके साथ ही UK में जितने भी इंडियन लोग टेम्पररी जॉब कर रहे है  इंडिया में अगर ब्रिटेन के लोग जॉब कर रहे है तो उन्हें अब 3 सालों तक SOCIAL SECURITY CONTRIBUTION यानी की सामाजिक सुरक्षा योगदान नहीं देना होगा। आसान भाषा में कहे तो आपको वहा टैक्स नहीं भरना होगा।

भारत को इस समझौते से क्या नुकसान हो सकता है?

भारत में ब्रिटेन की चीजें सस्ती होने से इंडियन कंपनियों को कम्पटीशन का सामना करना पड़ सकता है। सस्ते उत्पाद होने से भारतीय सस्ती चीजों को ही खरीदेंगे। इसके साथ ही भारत की वाइन और अल्कोहल कंपनियों को सबसे ज्यादा कम्पटीशन का सामना करना पड़ सकता है। जैसे ही भारत और ब्रिटेन के समझौते की खबर आई, भारतीय शराब कंपनियों के शेयर्स में 5% की गिरावट देखी गई क्योंकि इस समझौते से भारत में ब्रिटेन से आयात की गई शराब की कीमतों में कमी आएगी, जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा विदेशी शराब ही खरीदेंगे। इसके अलावा वो वस्तुएं जो भारत में उच्च कीमतों पर बिकती हैं, उन्हें भी इस समझौते से नुकसान हो सकता है।