EOW की कालेज में दबिश, 35 लाख के एक और घोटाले में फंसी गर्दन
सतना | स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना में जैव विविधता पार्क निर्माण के भुगतान में की गई गड़बड़ी के बाद राज्य आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त संचालक विनोद श्रीवास्तव, प्राचार्य सतेन्द्र शर्मा और स्रातकोत्तर कॉलेज सतना के प्राध्यापकों समेत 13 लोगों के विरुद्ध हुई एफआईआर की विवेचना शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को मोहित सक्सेना के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम सतना कॉलेज पहुंचकर दस्तावेजों की पड़ताल में जुट गई है।
गौरतलब है कि आर्थिक अपराध शाखा में 13 लोगों के विरुद्ध शिकायत के बाद की गई शुक्रवार को एफआईआर की विवेचना करने टीम जुट गई है। सुबह साढ़े 10 बजे से स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना में दस्तावेजों की पड़ताल निरीक्षक मोहित सक्सेना के नेतृत्व में की जा रही है। सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई देर रात तक चलती रही। बताया गया है कि जैव विविधता पार्क में की गई गड़बड़ी के अहम दस्तावेजों को जब्त भी किया गया था। बताया गया है कि अभी और बहुत से दस्तावेज जो नहीं मिल रहे हैं, उनकी तलाश जारी है।
क्या था मामला
स्रातकोत्तर कॉलेज सतना में जैव विविधता पार्क निर्माण के भुगतान में की गई गड़बड़ी की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध शाखा रीवा में 13 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई थी। शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना में जैव विविधता पार्क निर्माण के लिए 5 लाख रुपए का अनुदान शासन द्वारा वर्ष 2013 में स्वीकृत किया गया था। निविदा प्रक्रिया के तहत न्यूनतम निविदाकार फर्म देवलैण्ड स्कैपर सतना की निविदा दर कम होने से उक्त निविदाकार से कार्य कराया गया था।
जिसका भुगतान 4 लाख 99 हजार 400 रुपए शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना द्वारा किया गया था। खास बात यह है कि निविदाकार द्वारा अतिरिक्त कार्य के नाम पर अतिरिक्त देयक भुगतान प्रस्तुत किए गए थे। जिसमें महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. हर्षवर्धन एवं धीरेन्द्र सिंह ने अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग संभाग रीवा को अवगत कराया था। उन्होंने स्पष्ट बताया भी था कि निविदाकार द्वारा न तो कोई अतिरिक्त कार्य कराया गया है न ही इसका किसी प्रकार का भुगतान ही बकाया है।
छात्र को श्रमिक बनाकर कर दिया फर्जी भुगतान
शैक्षणिक वर्ष 2009 एवं 2017-18 में महाविद्यालय के छात्र अमित कुमार सिंगोत एवं नंदलाल कुशवाहा को श्रमिक के रूप में मस्टर रोल पर काम दिखाकर पारिश्रमिक के रूप में 2 लाख 71 हजार 631 का फर्जी भुगतान कर दिया गया। इस तरह की गई गड़बड़ी की शिकायत ईओडब्ल्यू मुख्यालय भोपाल में शिकायत क्रमांक 2419 पंजीबद्ध कर सत्यापन के लिए निरीक्षक श्रीमती गरिमा त्रिपाठी द्वारा कराए जाने पर शिकायत के सत्यता की पुष्टि हुई।
शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना में डॉ. सतेन्द्र शर्मा की पदस्थापना होने के बाद अतिरिक्त कार्य के नाम पर निविदाकार द्वारा प्रस्तुत देयकों के भुगतान के संबंध में एक राय होकर आपराधिक षड़यंत्र रचकर बगैर निविदा आमंत्रण तथा कार्य के मूल्यांकन कराए बगैर ही एडी विनोद श्रीवास्तव उच्च शिक्षा रीवा संभाग द्वारा निविदाकार को 4 लाख 75 हजार 500 के भुगतान की अनुमति दे दी। महाविद्यालय के वित्त समिति पदाधिकारियों तथा बायोडायवर्सिटीज कार्य के प्रभारी डॉ. राजेश गर्ग द्वारा उक्त भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर डॉ. शर्मा द्वारा भुगतान कर दिया गया।
इन्हें बनाया गया था आरोपी
ईओडब्ल्यू के आने की खबर लगते ही कई आरोपी भाग खड़े हुए। बताया गया है कि बायोटेक विभाग के राजेश गर्ग कार्यालय से चंपत हो गए। गौरतलब है कि शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना में बनाए गए जैव विविधता पार्क के निर्माण के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार पर स्वशासी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं डॉ. सतेन्द्र शर्मा, डॉ. विनोद कुमार श्रीवास्तव अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा संभाग, राजेश गर्ग बायोटेक विभाग, आरआर गुप्ता, केएल मौर्य प्रध्यापक अर्थशास्त्र, प्रदीप मिश्रा, गोविंद प्रसाद द्विवेदी, एनके भगत, एनपी अग्रवाल, सुनील शर्मा, संविदाकार राघवेंद्र शर्मा, अमित कुमार तथा नंदलाल कुशवाहा को आरोपी बनाया गया है।
35 लाख रुपए के दुरुपयोग पर होगी पृथक से जांच
शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना के तत्कालीन प्राचार्य सतेन्द्र शर्मा एवं अन्य के विरुद्ध गोपनीय कार्यों के लिए प्रश्न पत्र की छपाई एवं लगाए गए वाहनों में तकरीबन 35 लाख रुपए के शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है। इन भ्रष्टाचार से संबंधित आरोपों की अलग से जांच की जा रही है। शुक्रवार को सतना स्रातकोत्तर कॉलेज के प्राचार्य एवं प्राध्यापकों के संबंध में की जा रही विवेचना में निरीक्षक मोहित सक्सेना के नेतृत्व में कॉलेज से दस्तावेज जब्त किए जा रहे हैं।