किसान मित्र के लिए 3 से कम नाम आए तो खैर नहीं

सतना | अपने चहेतों को किसान मित्र बनाने के लिये ग्राम पंचायतों के सरंपच से लेकर सचिव और रोजगार सहायक किस कदर कलेक्टर के निर्देशों को धता बताते हुए मनमानी पर उतारू हैं इसका उदहरण इन दिनों कृषि विभाग के ब्लाक कार्यालयों में किसान मित्र के लिये पंचायतों से पहुंच रहे प्रस्तावों में देखने को मिल रहा है। पंचायतों को दो आवाद गांवों के बीच एक किसान मित्र की नियुक्ति के लिये मांगे गये नामों में कहीं दो तो कही एक ही नाम के प्रस्ताव भेजे गये हैं। इसको लेकर प्रशासन की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है और एक स्थान के लिये कम से कम तीन नामों की सूची भेजने को कहा गया है ताकि नियुक्ति को पारदर्शी बनाते हुए आरक्षण के मापदंडों का पालन किया जा सके। पत्र में स्पष्ठतौर पर कहा गया है कि सिंगल नाम के प्रस्ताव सचिव व रोजगार सहायकों की लापरवाही की ओर इशारा करते हैं और इसके लिये क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

इस तरह हो रही गड़बड़ी

ग्रामीण स्तर पर कृषक एवं प्रसार तंत्र के बीच जीवांत संबंध स्थापित करने के लिये सब मिशन आन एग्राकल्चर एक्सटेंशन आत्मा द्वारा दो आवाद गावों के बीच एक किसान मित्र की नियुक्ति की जानी है। जिले में करीब 7 सौ नियुक्ति होनी है। पिछले 21 जनवरी को कलेक्टर द्वारा पंचायतों को पत्र लिखकर 26 जनवरी की ग्राम सभा में नामों का अनुमोदन कराकर प्रस्ताव ब्लाक स्तर पर जमा कराने को कहा गया था।

चयन के लिये ब्लाक स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में चयन समिति बनी है जिसमें जनपद पंचायत सीईओ व एसएडीओ कृषि भी हैं। यह समिति वहां से एक-एक पात्र का चयन कर सूची जिला कार्यालय भेजेगी और इसका अंतिम फैसला आत्मा गवर्निंग बोर्ड को लेना है जिसके अध्यक्ष कलेक्टर हैं। सूची में प्रभारी मंत्री के भी हस्ताक्षर होंगे। सूत्रों का कहना है कि जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों की ओर से जो प्रस्ताव भेजे गये हैं उनमें सिंगल नाम हैं। आरोप है कि सरपंचों व पंंचायतों के सचिव व रोजगार सहायकों ने अन्य आवेदनों को दरकिनार करते हुए अपने चहेतों के नाम ही भेजे हैं। 

प्रशासन के कड़ा किया रुख
जिले के तमाम एसडीओ की ओर से नाम भेजने को तरीकों पर आपत्ति दर्ज कराई गई है और पंचायतों को दोबारा प्रस्ताव तैयार करके भेजने को कहा गया है। इधर एसडीओ रघुराजनगर की ओर से तो सचिव और रोजगार सहायकों को जो पत्र लिखा गया है उसमें साफ कहा गया है कि अधिकांश पंचायतों की ग्राम सभा द्वारा एक नाम का प्रस्ताव किया गया है जिससे पारदर्शिता का भाव परिलक्षित होता है। इस लापरवाही के लिये क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाए। एसडीएम द्वारा अंतिम मौका देते हुए 8 मार्च तक दो आवाद गावों के बीच कम से कम 3 नामों का प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। इन तीन नामों में एक महिला, एक अजा/अजजा व एक अन्य का होना अनिवार्य है।

किसान मित्र की नियुक्ति संबंधी प्राप्त ग्रामसभा के अधिकांश प्रस्ताव सिंगल नाम वाले हैं। इस पर एसडीएम रघुराजनगर द्वारा आपत्ति जताई गई है। सचिव व रोजगार सहायकों को निर्देश के अनुसार दोबारा प्रस्ताव भेजने के निर्देश जारी किये गये हैं।
विष्णु कुमार त्रिपाठी, एसएडीओ सोहावल