MP News: कैबिनेट बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, डिप्टी सीएम शुक्ल ने दी जानकारी
सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। गांधी सागर में चीतों का पुनर्स्थापन, ग्वालियर में 12,000 करोड़ के निवेश से देश का पहला टेलीकॉम सेक्टर, गेहूं उपार्जन का 60 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य, जल संरक्षण के लिए स्टॉप डैम निर्माण और 27 अप्रैल को इंदौर में एमपी टेक कॉन्क्लेव जैसे फैसले शामिल हैं। टाइगर बफर जोन में सुरक्षा कार्यों के लिए 145 करोड़ मंजूर किए गए और कन्या विवाह योजना में भविष्य में सामूहिक विवाह की नई व्यवस्था लागू की जाएगी।

BHOPAL. आज 22 अप्रैल मंगलवार को भोपाल में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जिसकी विस्तृत जानकारी डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने दी।
कूनो की तरह गांधी सागर में चीतों का सफल पुनर्स्थापन किया गया जिससे देश विदेश से प्रशंसा मिल रही है। ग्वालियर में भारत सरकार की मंजूरी के बाद में देश का पहला टेलीकॉम सेक्टर बनाया जायेगा जिसमें 12000 करोड़ का निवेश होगा और 5000 रोजगार मिलेंगे। गेहूं उपार्जन 50 लाख मैट्रिक टन हो चुका है इसमें समर्थन मूल्य 2425 है और 175 बोनस का जोड़कर 2600 रुपये में किसानों ने उपज को खरीदी केंद्रों में पहुंचाया है। 5 मई तक 60 लाख मैट्रिक टन उपार्जन का टारगेट है। अब तक किसानों के खातों में 10562 करोड़ से अधिक की राशि भेजी जा चुकी है।
सीएम ने सभी प्रभारी मंत्रियों को पेयजल व्यवस्था की सदस्य समीक्षा देने के निर्देश दिए है। साथ ही जल गंगा संरक्षण अभियान के लिए जल संरक्षण की सम्भवनाएं देखने के लिए स्टाप डैम बनाने के निर्देश दिए है। 27 अप्रैल को इंदौर में एमपी टेक कॉन्क्लेव आयोजित होने जा रही है। जिसमें 500 से ज्यादा टेक्नोलॉजी कंपनी की सहभागिता होगी।
पॉप फ्रांसिस के निधन पर प्रदेश में 22 से 24 अप्रैल तक राजकीय शोक रहेगा। वहीं ट्रांसफर पॉलिसी 1 मई से 31 मई तक अगले मंत्री परिषद की बैठक में लाई जाएगी। मनुष्य और टाइगर के मुठभेड़ के कारण टाइगर रिजर्व के बफर जोन में 145 करोड़ की सिमा तक काम किया जायेगा। एमपी के नो टाइगर बफर जोन में 4 सालों में टाइगर की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। संवेदनशील वन क्षेत्रों में चेन लिंक फेंसिंग के लिए साल 2025 से 2028 तक 145 करोड़ खर्च किये जायेंगे।
सीएम कन्या विवाह निकाय योजना के लिए 49000 रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और 6000 रुपये आयोजन में खर्च होते है। इसमें 15 मई तक जो भी शादी के लिए रजिस्ट्रेशन हुए है उनका पहले की तरह ही आयोजन होगा लेकिन भविष्य में बदलाव करते हुए कम से कम 11 और अधिकतम 200 जोड़ों की एक ही स्थान पर विवाह कराया जायेगा।