मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक निलंबन के बचाव पर उतरा मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, जताया विरोध

श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के डॉ. अशरफ के निलंबन पर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (MTA) ने नाराज़गी जताते हुए कार्रवाई को एकतरफा और नियमविरुद्ध बताया है। एक नर्सिंग छात्रा के आरोपों की जांच अधूरी होने के बावजूद निलंबन का आदेश जारी किया गया, जिससे चिकित्सा समुदाय में असंतोष और असुरक्षा की भावना बढ़ी है।

मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक निलंबन के बचाव पर उतरा मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, जताया विरोध

रीवा। श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय के ईएनटी विभाग में कार्यरत डॉ. अशरफ के निलंबन को लेकर चिकित्सा शिक्षकों में असंतोष व्यक्त किया है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) ने प्रशासनिक निर्णय पर सवाल उठाते हुए इसे एकतरफा और प्रक्रिया विरुद्ध बताया है।

एमटीए के अध्यक्ष डॉ. पुष्पेंद्र शुक्ला ने कहा कि जिस प्रकार से डॉ. अशरफ को निलंबित किया गया, वह नियमों और नैतिक प्रक्रियाओं के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, और अब तक कोई ठोस साक्ष्य सामने नहीं आया है जिससे यह सिद्ध हो सके कि चिकित्सक दोषी हैं।

कुछ दिन पूर्व एक नर्सिंग छात्रा ने डॉ. अशरफ पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाते हुए शिकायत प्राचार्य और डीन कार्यालय में दर्ज कराई थी। इसके बाद डीन ने आंतरिक जांच समिति का गठन किया। समिति की प्राथमिक अनुशंसा पर डीन ने तत्काल प्रभाव से चिकित्सक को निलंबित कर दिया।

एमटीए का कहना है कि न केवल जांच अधूरी है बल्कि संबंधित चिकित्सक को भी पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया कि वे अपने पक्ष को विस्तार से रख सकें। डॉक्टरों का संगठन यह भी आरोप लगा रहा है कि कार्रवाई पूर्व निर्धारित प्रतीत होती है और इससे चिकित्सा समुदाय में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है।

उल्लेखनीय है कि बीते दिवस नर्सेस एसोसिएशन द्वारा चिकित्सक के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर डीन को ज्ञापन सौंपा गया था। ज्ञापन सौंपने के कुछ ही समय बाद डीन द्वारा डा. अशरफ के निलंबन का आदेश जारी कर दिया। बताया गया है कि डा. अशरफ द्वारा जांच कमेटी को जो जवाब दिया गया था वह संतोषजनक नहीं था, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई है।