उद्धार: 200 साल पहले आगजनी में हो गया था तबाह, नाम बदलने की चल रही प्रक्रिया 

देवरी की बात करें, तो सागर की 8 विधानसभाओं में से एक विधानसभा देवरी है। देवरी विधानसभा का क्षेत्र काफी बड़ा है और इसमें गौरझामर, केसली, महाराजपुर जैसे बड़े कस्बे आते हैं। ऐतिहासिकता की दृष्टि से इसका काफी महत्व है। महाराजा छत्रसाल ने बाजीराव पेशवा को ये इलाका उपहार स्वरूप दिया था

उद्धार: 200 साल पहले आगजनी में हो गया था तबाह, नाम बदलने की चल रही प्रक्रिया 

नेशनल हाईवे 44 पर बसे देवरी नगर की बात करें, तो यह बुंदेलखंड का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का नगर रहा है। अब इस नगर का नाम बदलने की प्रक्रिया चल रही है। यहां प्रसिद्ध खंडेराव मंदिर मौजूद है। देवरी का नाम बदलने का प्रस्ताव विधानसभा में विधायक द्वारा पेश किया जा चुका है और नगर पालिका परिषद देवरी भी प्रस्ताव पास कर शासन को भेज चुकी है। यहां एक हमले के कारण यहां आग लग गई थी और सब कुछ तबाह हो गया था।


1813 में जल गया पूरा नगर 
स्थानीय विधायक बृजबिहारी पटैरिया भी कहते हैं कि यहां देव श्री खंडेराव मंदिर जो देश में सिर्फ 2 जगह है। महाराष्ट्र के जेजुरी में एक पहाड़ी पर बना है और दूसरा देवरी में है। इसके अलावा यहां कई सारे मंदिर है, इसलिए इसे देवपुरी कहा जाता था। 


ऐतिहासिक नगर रहा है देवपुरी : सागर यूनिवर्सिटी के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नागेश दुबे बताते हैं कि देवरी सागर का महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक नगर रहा है। इसको रामगढ़, ऊसरगढ़ और देवपुरी के नाम से जानते थे। सागर गजेटियर में कहा गया है कि यहां पर प्रसिद्ध खंडेराव मंदिर बन जाने के कारण देवपुरी नाम दिया गया था। कहा जाता है कि इस नगर की स्थापना चंदेल राजाओं ने की थी। यहां जो जनश्रुतियां प्रचलित हैं उसके अनुसार कहा जाता है कि जो गढ़ा मंडला के राजा थे, उनके प्रमुख गढ़ों में देवरी गढ़ भी आता था और इसमें 750 मोजे जुड़े हुए थे। 


देवरी का नाम बदले जाने के पीछे का तर्क
नाम बदले जाने के पीछे तर्क है कि देवरी शब्द के बुंदेली भाषा में अनर्गल अर्थ निकाले जाते हैं जबकि ये एक ऐतिहासिक नगर रहा है। खंडेराव मंदिर स्थित होने के कारण इसका नाम देवपुरी था, जो एक भीषण अग्निकांड के बाद अपभ्रंश के कारण बदल गया। अब जब नगर का नाम बदला जा रहा है और ऐतिहासिक आधार पर नाम बदलने की कवायद चल रही है, तो एक बार फिर भीषण अग्निकांड की चर्चा होने लगी है। जब एक हमले के कारण यहां आग लग गई थी और सब कुछ तबाह हो गया था।


महाराज छत्रसाल ने उपहार में दिया था देवपुरी
देवरी की बात करें, तो सागर की 8 विधानसभाओं में से एक विधानसभा देवरी है। देवरी विधानसभा का क्षेत्र काफी बड़ा है और इसमें गौरझामर, केसली, महाराजपुर जैसे बड़े कस्बे आते हैं। ऐतिहासिकता की दृष्टि से इसका काफी महत्व है। महाराजा छत्रसाल ने बाजीराव पेशवा को ये इलाका उपहार स्वरूप दिया था। जब ये इलाका मराठाओं के अधीन था, तब यहां सैन्य आक्रमण हुआ था, जिसमें पशु और जन मिलाकर करीब 30 हजार प्राणियों की मौत हो गई थी। हालांकि तब जो मराठा शासकों के प्रतिनिधि थे, जिनके अधीन देवपुरी का यह इलाका था, उनके परिवार के कुछ लोगों को बचा लिया गया था। कहा जाता है कि आगजनी की घटना के पहले इलाके का नाम देवपुरी ही था।