कला-संस्कृति: भारत भवन में रूपाभ शृंखला में अनुमेहा की एकल चित्र प्रदर्शनी

कला को विज्ञान से जोड़ते हुए तैयार किए गए खूबबूरत आर्टवर्क मंगलवार को भारत भवन के रंगदर्शनी दीर्घा में प्रदर्शित हुए। रूपाभ शृंखला के तहत आयोजित इस प्रदर्शनी में दिल्ली की युवा कलाकार अनुमेहा जैन के एकल चित्रों को प्रदर्शित किया गया।

कला-संस्कृति: भारत भवन में रूपाभ शृंखला में अनुमेहा की एकल चित्र प्रदर्शनी
bharat bhavan

कला को विज्ञान से जोड़ते हुए तैयार किए गए खूबबूरत आर्टवर्क मंगलवार को भारत भवन के रंगदर्शनी दीर्घा में प्रदर्शित हुए। रूपाभ शृंखला के तहत आयोजित इस प्रदर्शनी में दिल्ली की युवा कलाकार अनुमेहा जैन के एकल चित्रों को प्रदर्शित किया गया। 20 जुलाई तक चलने वाले इस प्रदर्शनी में अनुमेहा के कुल 83 चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। एब्सट्रैक्ट फॉर्म में तैयार  इन चित्रों में अनुमेहा ने ह्यूमन सेल (मानव कोशिका) को प्रेरणा बनाया है। कलाकार अनुमेहा ने बताया कि जीवन की हर प्रक्रिया की जड़ यही कोशिकाएं हैं, जिनसे ही व्यक्ति के इमोशन, अनुभव और अस्तित्व की यात्रा शुरू होती है। लगभग एक दशक से रंग कला के क्षेत्र में कार्य रह रही अनुमेहा ने बताया, हमारे शरीर के हर सेल एक अलग जीवन कहानी कहता है। हर सेल में हमारी भावनाएं, संघर्ष, ऊर्जा और विकास की पूरी यात्रा छुपी है। मैंने इन्हीं लाइंस और इमोशन को अपने आर्टवर्क में दिखाने की कोशिश की है। इस अवसर पर कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल, चित्रकार अखिलेश वर्मा, पद्मश्री कलाकार हरचन्दन सिंह भट्टी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रेम शंकर शुक्ल मुख्य रूप से उपस्थित हुए। 

इसलिए विशेष बने आर्टवर्क

इस आर्टवर्क को बनाने में उन्होंने एक्रेलिक, वाटर कलर और मलेशियन इंक का उपयोग किया है। अनुमेहा का कहना है कि एक्रेलिक पेंट्स उन्हें सेल की ताकत और ठोस संरचना दिखाने में मदद करते हैं, जबकि वाटर कलर से सेल के भीतर के तरलता और मूवमेंट को उन्होंने बारीकी से दर्शाया है। वहीं मलेशियन इंक ने उनके आर्टवर्क को गहराई और इंटेंसिटी दी, जिससे कला की अनुभूति और अधिक प्रभावशाली हो गई। अनुमेहा का मानना है कि कला का उद्देश्य सिर्फ सुंदरता नहीं, बल्कि विज्ञान और जीवन के रहस्यों को भी सरल भाषा में प्रस्तुत करना है।

प्रकृति के संग काम करना पसंद

अनुमेहा ने कहा कि उन्हें शुरुआती समय में फिगरेटिव आर्ट में काम करना पसंद था। लेकिन धीरे धीरे वह प्रकृति के करीब गईं और इस क्षेत्र में कार्य उन्होंने आरंभ किया। इन आर्टवर्क को तैयार करने के लिए अनुमेहा ने एक्रेलिक कलर, वाटर कलर और मलेशियन इंक का उपयोग किया। मलेशियन इंक की विशेषता है कि इसमें एक अलग  टेक्चर बनता है जो आर्टवर्क को आकर्षक बनाता है। प्रदर्शित चित्रों में अनुमेहा ने श्रृष्टि संरचना के शंखनाद,पिघलते हुए ग्लेशियर और मां-पुत्र के प्रेम को  ग्रेफाइट ऑन पेपर पर प्रस्तुत किया।