43 डुप्लेक्स बनाने नहीं मिल पाया रजिस्ट्रेशन, बीडीए के पास जमीन का मालिकाना हक भी नहीं
राजधानी भोपाल का एक और हाउसिंग प्रोजेक्ट अफसरों की लापरवाही से उलझ गया है। इस योजना के रजिस्ट्रेशन के लिए मप्र भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में बिल्डिंग परमिशन, जमीन का मालिकाना हक सहित जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, वो नाकाफी मिले।

राजधानी भोपाल का एक और हाउसिंग प्रोजेक्ट अफसरों की लापरवाही से उलझ गया है। इस योजना के रजिस्ट्रेशन के लिए मप्र भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में बिल्डिंग परमिशन, जमीन का मालिकाना हक सहित जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, वो नाकाफी मिले। ऐसे में रेरा ने प्रोजेक्ट के पंजीयन का आवेदन खारिज कर दिया।
दरअसल, भोपाल विकास प्राधिकरण गोंदरमऊ में एयरोसिटी फेज 1 योजना पर काम कर रहा है। प्राधिकरण ने वहां 1.4820 हेक्टेयर भूमि पर 43 एमआईजी डुप्लेक्स के निर्माण की प्लानिंग की। इसके रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। आवेदन के साथ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से मंजूर ले आउट अपलोड नहीं किया। परियोजना में शामिल भूमि कृषि उपयोग में दर्ज है, लेकिन इसे आवासीय करा संशोधित खसरा नकलें पेश नहीं की। बीडीए ने ड्राफ्ट एग्रीमेंट प्लॉट या अपार्टमेंट का दिया जबकि प्रोजेक्ट निर्माण का है। रेरा ने इसे एक्ट के नियमों का उल्लंघन पाया। ऐसे में रेरा ने बीडीए को मई और जून में नोटिस जारी कर कमियां सुधारने के लिए सुनवाई का मौका दिया। इसमें उपस्थित हुए सीए कई जानकारी प्रस्तुत नहीं कर सके।
बिल्डिंग परमिशन में लिखा खुद के उपयोग के लिए, विक्रय प्रतिबंधित
प्रोजेक्ट के लिए: नगर निगम की ओर से 12 दिसंबर, 2024 को बिल्डिंग परमिशन जारी की गई थी। इसमें लिखा था कि आवेदन व शपथ पत्र के मुताबिक स्वयं के उपयोग के लिए, प्रकोष्ठ विक्रय प्रतिबंधित। इस पर रेरा ने पूछा कि जब खुद के उपयोग के लिए है तो बेचने के लिए पंजीयन कराने का औचित्य साफ नहीं किया गया है। इसके जवाब में बीडीए ने बताया कि पंजीयन आवेदन में 43 एमआईजी डुप्लेक्स को संभावित आवंटियों को बेचा जाएगा। हालांकि, इसके लिए संशोधित भवन अनुज्ञा प्रस्तुत नहीं की। इसे लेकर बीडीए ने कहा कि नगर निगम की भवन निर्माण अनुमति केवल एक वैधानिक स्वीकृति है। इसका उद्देश्य योजनाओं, लेआउट मानदंडों और भवन उपनियमों के अनुसार निर्माण की अनुमति देना है। जमीन
हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही, हुई नहीं
आदेश में दूसरा सवाल भूमि के मालिकाना हक को लेकर उठाया गया। अधिनियमों का हवाला देते हुए भोपाल विकास प्राधिकरण ने कहा कि योजना क्षेत्र में आने वाली जमीनों का अधिग्रहण करने का कानूनी अधिकार है। यह भी बताया कि प्राधिकरण हस्तांतरण के निष्पादन की प्रक्रिया में है। इस पर रेरा ने कहा, इस जवाब से स्पष्ट है कि जिन खसरा नंबर पर योजना प्रस्तावित है, उसके स्वामित्व के दस्तावेज बीडीए के पास वर्तमान में नहीं हैं। यह परियोजना के रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी है।