4 सौ से अधिक शोधार्थियों का इंटरव्यू अधर में लटका

रीवा | अवधेश प्रताप  सिंह विश्वविद्यालय की मनमानी से शोध छात्र परेशान है। आरडीसी (रिसर्च डेवलपमेंट कमेटी) की बैठक न होने के कारण छात्रों को इंटरव्यू के लिए भटकना पड़ रहा है। इस संबंध में शोधार्थियों की ओर से लगातार शिकायतें प्रबंधन से की जा रही हैं, लेकिन प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। जानकारी मिली है कि करीब चार सौ की संख्या में ऐसे शोधार्थी हैं जिनका इंटरव्यू नहीं हो सका है। कोरोना काल की वजह से बाहर के छात्रों को आने-जाने में समस्याएं हो रही हैं।

शोधार्थियों ने अपना शोध पत्र जमा कर दिया है, अधिकांश का परीक्षण भी महीनों पहले ही हो चुका है। अब इंटरव्यू कराना है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही की वजह से वह नहीं हो पा रहा है। शोधार्थियों की समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव लालसाहब सिंह को दी गई है। वह शोधार्थियों की समस्याएं सुनने को तैयार नहीं होते। उनकी ओर से कुलसचिव के पास भेजा जाता है और कुलसचिव भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर फिर वापस कर देते हैं। शोधार्थियों की समस्याएं सुनने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई सटीक अधिकारी को नियुक्त नहीं किया है, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कुलपति के आदेश दरकिनार
कुछ दिन पहले ही कई शोधार्थियों ने कुलपति से भी इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। जिन्होंने इस समस्या को गंभीरता से सुना और जिम्मेदारों को इंटरव्यू की व्यवस्था कराने के लिए निर्देशित भी किया। इसके बावजूद अब तक संबंधितों को कोई सूचना नहीं दी गई है। इसलिए अब फिर से इसकी शिकायत उच्च स्तर पर किए जाने की तैयारी शोधार्थियों की ओर से की जा रही है।

आनलाइन इंटरव्यू की व्यवस्था नहीं
कोरोना संक्रमण की वजह से विश्वविद्यालय ने पूर्व में यह अधिसूचना जारी किया था कि सभी को एक साथ विश्वविद्यालय में इंटरव्यू के दौरान उपस्थित नहीं होना होगा। ऐसे में जिन शोधार्थियों का इंटरव्यू होना है उन्हें सहजता के साथ इंटरव्यू में आमंत्रित किया जा सकता था। जानकारी मिली है कि करीब चार सौ की संख्या में ऐसे शोधार्थी हैं जिनका इंटरव्यू नहीं हो सका है।

रजिस्ट्रेशन की तकनीकी त्रुटियों से जूझते रहे छात्र
विश्वविद्यालय में पीएचडी के कार्यों को लेकर उदासीन रवैया अपनाए जाने से हर काम में मुश्किलें आ रही हैं। इनदिनों पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही थी। 30 नवंबर तक इसकी तिथि निर्धारित की गई थी।  नेट और एमफिल के बाद पीएचडी का रजिस्ट्रेशन कराने वालों के लिए समस्या उत्पन्न हो रही थी। आनलाइन पोर्टल पर इनका रोलनंबर मांगा जा रहा था, विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी इंट्रेस का कोई रोलनंबर इन्हें आवंटित नहीं किया गया जिसे लेकर राजिस्ट्रेशन कराने में भी छात्रों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा।