मध्यप्रदेश में दलितों को रिझाने की जुगत में लगी कांग्रेस और भाजपा

भोपाल | मध्यप्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस इन दिनों दलित वोट बैंक को रिझाने की जुगत में लगे हैं। भाजपा के तमाम बड़े नेता जहां दलितों के घर भोजन कर सामाजिक समरसता का संदेश दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस दलितों के साथ पंचायत करने की रणनीति पर काम कर रही है। कुल मिलाकर दोनों दलों की नजर इस वोट बैंक पर है। राज्य की सियासत में दलित के साथ आदिवासी वोट बैंक की खासी अहमियत रही है। यही कारण है कि सत्ता हासिल करने के लिए दोनों ही राजनीतिक दल आदिवासियों के साथ दलित वोट बैंक को रिझाने की कोशिश करते रहे हैं।

राज्य में अनुसूचित जाति के लगभग साढ़े 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के 21 फीसदी वोटर हैं। यह दोनों ही वर्ग सत्ता की बाजी पलटने में सक्षम हैं। यही कारण है की इन दिनों एक बार फिर दलितों पर डोरे डालने का अभियान चल पड़ा है। राज्य में दलित और आदिवासी वर्ग को कांग्रेस का समर्थक माना जाता रहा है, मगर धीरे-धीरे हालात बदले हैं। राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों पर भाजपा को अपेक्षा के अनुरुप सफलता नहीं मिल पाई थी। यही कारण है कि ननि के चुनाव से पहले भाजपा ने नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

कांग्रेस का आरोप भाजपा सिर्फ दिखावा कर रही 
पं दीनदयाल उपाध्याय के एकात्ममानव दर्शन के सिद्धांत पर काम करते हुए जो नीचे हैं, पीछे हैं, उसका हौसला बढ़ाते हुए आगे बढ़ाना हमारे अंत्योदय के कार्यक्रम में है। वहीं कांग्रेस चुनाव आते ही प्रपंच करने लगती है। भाजपा नेताओं के दलितों के घर जाकर भोजन करने के अभियान पर कांग्रेस तंज कस रही है। प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि, कांग्रेस ने हमेशा दलित वर्ग के उत्थान की योजनाएं बनाई है, वहीं भाजपा सिर्फ दिखावा करती है। चुनाव आते ही फोटो सेशन का दौर शुरू हो जाता है। कांग्रेस वास्तव में दलित हितैषी है इसीलिए दलित पंचायत लगाने जा रहे हैं। वही राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी समय में नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं, यही कारण है कि दलितों पर दोनों ही दलों की खास नजर है।

नगरीय इलाकों में आदिवासियों की तादाद कम है, इसलिए अभी आदिवासियों पर ज्यादा ध्यान नहीं है। जैसे ही पंचायत के चुनाव आएंगे, आदिवासियों को लुभाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय के चुनाव की तैयारियां भाजपा ने तेज कर दी है। भाजपा इन चुनाव के लिए घोषणापत्र तैयार करेगी, इस घोषणापत्र में किन-किन मुद्दों को स्थान दिया जाए, इस पर आगामी दिनों में मंथन होगा, इसका काम चुनाव संचालन समिति करेगी। अब अगला चरण शुरू होगा, जिसमें घोषणा-पत्र में क्या-क्या मुद्दे होंगे, कौन से विषय समायोजित किए जाएंगे, समिति इसकी तैयारियां करेगी।