हम नमाज के वक्त हमला नहीं करते बोले थल सेना प्रमुख
हम नमाज के वक्त हमला नहीं करते पाकिस्तान को बताया हम आप जैसे नहीं थल सेना प्रमुख
भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी 1 नवंबर को 55 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एमपी के सतना स्थित अपने बचपन के सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे । जहां उन्होंने 1971-72 में चौथी कक्षा में पढ़ाई की थी यहाँ पहुंचकर वे भावुक हो गए है। छात्रों, शिक्षकों और गणमान्य नागरिकों के गर्मजोशी भरे स्वागत के बीच, जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए भारतीय सेना के सिद्धांतों को रेखांकित किया और कहा कि भारतीय सेना "धर्म युद्ध" की अनुयायी है।

'ऑपरेशन सिंदूर' और धर्म युद्ध का सिद्धांत
थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को एक निर्णायक सफलता बताते हुए कहा कि यह एक ऐसा अभियान था जिसने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया। उन्होंने कहा, "यह एक आधुनिक युद्ध के साथ-साथ एक सैद्धांतिक युद्ध भी था। उन्होंने इस मिशन के सिद्धांतों का खुलासा करते हुए कहा, "आतंकवादी जितने अड़े थे, हमने उन्हें नष्ट किया। लेकिन हमने यह सुनिश्चित किया कि हमला तब न हो जब कोई नमाज पढ़ रहा हो या प्रार्थना कर रहा हो।

पाकिस्तान को बताया हम आप जैसे नही
हमने किसी भी निर्दोष, नादान या आम नागरिक पर हमला नहीं किया। जनरल द्विवेदी ने कहा हमने पाकिस्तान को यह बताया कि हम आप जैसे नहीं हैं। हम हमेशा 'धर्म युद्ध' के अनुयायी रहे हैं, उसी का विचार करते हैं और भविष्य में भी यही कार्यवाही करते रहेंगे।

चौथी कक्षा में सीखे सबक ने दिलाई सफलता
आर्मी चीफ ने अपनी सफलता का श्रेय अपने विद्यार्थी जीवन की नींव को दिया। उन्होंने कहा, निर्णय लेने की जो क्षमता मैंने सीखी, वह चौथी कक्षा में इसी विद्यालय में सीखी थी। यही क्षमता 'ऑपरेशन सिंदूर' में निर्णायक सफलता दिलाने में काम आई। उन्होंने छात्रों से कहा कि जो विद्यार्थी आज परिश्रम करता है, वही कल सफलता की ऊंचाइयां छूता है।
सफलता का 'Three A' मंत्र
जनरल द्विवेदी ने छात्रों को सफलता का 'थ्री ए' (Three A) मंत्र भी दिया। उन्होंने बताया कि पहला एटीट्यूट (Attitude) है। इससे सकारात्मक दृष्टिकोण और पॉजिटिविटी आती है। दूसरा एडॉप्टिबिलिटी (Adaptability) है। इससे आप समय के साथ अपने अंदर बदलाव ला सकते हैं। तीसरा एबिलिटी (Ability) है। यह आपको हर क्षेत्र में सफलता दिलाएगी।

विकसित भारत' का आह्वान
उन्होंने देशवासियों को संदेश देते हुए कहा, "आप चाहे वर्दी में हों या सिविल ड्रेस में, राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र निर्माण में निरंतर लगे रहिए। यह देश हमारा है, और जब हम सब मिलकर काम करेंगे तभी 2047 के विकसित भारत का सपना साकार होगा। इससे पूर्व, विद्यालय परिवार द्वारा जनरल उपेंद्र द्विवेदी का भव्य सम्मान किया गया। इस भावुक पुनर्मिलन के अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र-छात्राएं और शहर के वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।

