‘SIR’ सर्वे का प्रेशर, 6 राज्यों में BLO की मौत

मध्य प्रदेश में इन दिनों SIR का काम जोर शोर से चल रहा है. इसी बीच SIR अभियान के दौरान दो बूथ लेवल ऑफिसर यानी BLO की मौत हो गई. रायसेन और दमोह जिले के रहने वाले दोनों BLO शिक्षक थे.

‘SIR’ सर्वे का प्रेशर, 6 राज्यों में BLO की मौत

भोपाल: मध्य प्रदेश में इन दिनों SIR का काम जोर शोर से चल रहा है. इसी बीच SIR अभियान के दौरान दो बूथ लेवल ऑफिसर यानी BLO की मौत हो गई. रायसेन और दमोह जिले के रहने वाले दोनों BLO शिक्षक थे. हालांकि परिजनों ने भारी वर्कलोड और काम के दबाव को जिम्मेदार ठहराया है. रायसेन जिले के मंडीदीप में तैनात शिक्षक रमाकांत पांडेय देर रात बीमार पड़ गए थे, उन्हें भोपाल के AIIMS में भर्ती कराया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जबकि दमोह में एक अन्य बीएलओ की मौत बीमारी से बताई गई है. परिजनों ने आरोप लगाया कि है कि SIR ड्यूटी के दबाव ने उन्हें तोड़ दिया. इसके पहले भोपाल में 2 BLO को हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR अभियान चल रहा है। मध्य प्रदेश में SIR 1 नवंबर से शुरू हुआ और 19 नवंबर तक 100 प्रतिशत गणपति पत्रक (वोटर फॉर्म) वितरित हो चुके हैं, लेकिन डिजिटल एंट्री सिर्फ 51 प्रतिशत ही हुई है। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात और मध्यप्रदेश में चार- चार, पश्चिम बंगाल में तीन, राजस्थान, तमिलनाडू और केरल में एक- एक बीएलओ की मौत हो चुकी है. अधिकांश मामलों में कारण हार्ट अटैक, स्ट्रेस या सुसाइड बताया गया है। एमपी के अलीराजपुर जिले के उदयगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम सोलिया में एक BLO भुवन सिंह चौहान की निलंबन के बाद मौत हो गई. उन्हें 18 नवंबर को झाबुआ जिला निर्वाचन अधिकारी ने कार्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित किया था. निलंबन के बाद भुवन सिंह चौहान काफी तनाव में थे.

पश्चिम बंगाल में BLO रिंकू तारफदार ने नोट लिखकर सुसाइड किया है, जिसमें ECI को जिम्मेदार ठहराया है. जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CEC ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर SIR रोकने की मांग की.ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा कि SIR के कारण पूरे राज्य में अव्यवस्था फैल गई है. उन्होंने कहा कि कई BLO को भारी दबाव झेलना पड़ रहा है और कई मौतें भी इसी तनाव से जुड़ी हैं. ममता ने जालपाईगुड़ी में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के सुसाइड का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मानव लागत किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अस्वीकार्य है. हालांकि अब ममता बनर्जी के बयान के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है।