MP NEWS : भोपाल-देवास रोड को सिक्स लेन करने की तैयारी हर्जाना देकर समय से पहले बंद करेंगे टोल प्लाजा
दो प्रमुख शहरों भोपाल और इंदौर के बीच वाहनों की आवाजाही तेज और आसान करने के लिए राजधानी से देवास तक की सड़क को सिक्स लेन किया जाएगा। इसकी शुरुआती प्लानिंग कर ली गई है।

मुक्तेश रावत,भोपाल. प्रदेश के दो प्रमुख शहरों भोपाल और इंदौर के बीच वाहनों की आवाजाही तेज और आसान होगी। इसके लिए राजधानी से देवास तक की सड़क को सिक्स लेन किया जाएगा। इसकी शुरुआती प्लानिंग कर ली गई है। निर्माण चालू करने के पहले मौजूदा टोल प्लाजा को समय से पहले बंद कराया जा सकता है। इसके एवज में कंपनी को हर्जाना दिया जाएगा।
राजधानी से देवास तक स्टेट हाइवे नंबर 28 फिलहाल फोर लेन है। इसे सिक्स लेन करने की प्लानिंग मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन एक साल से अधिक समय से कर रहा है। निर्माण शुरू करने पर चर्चा के दौरान अफसरों ने बताया कि फोर लेन बनाने वाली कंपनी अभी टोल टैक्स वसूल रही है। इसकी अवधि खत्म होने में समय है। ऐसे में सिक्स लेन का कार्य चालू करने के पहले इसे बंद करना होगा। इस पर विचार करने के बाद प्राथमिक खाका तैयार हो गया है।
कांग्रेस सरकार ने बनाया था सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे का प्लान
भोपाल-इंदौर के बीच सिक्स लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की योजना करीब सात साल पहले कांग्रेस सरकार ने बनाई थी। यह नीलबड़, रातीबड़ से होकर बनना था। शुरुआत में एनएचएआई से इसका निर्माण कराने पर विचार किया गया। फिर तत्कालीन सरकार ने ही इसे बनाने का फैसला लिया। तब मुख्यमंत्री रहे कमल नाथ को दिए प्रेजेंटेशन में बताया गया था कि इसकी चौड़ाई 70 मीटर होगी। सिक्स लेन बनने पर भोपाल से इंदौर के बीच की दूरी केवल दो घंटे 25 मिनट में तय की जा सकेगी। कंसलटेंसी फर्म फीडबैक इंफ्रा को एक्सप्रेस-वे की जमीन का अधिग्रहण का मॉडल, इसके समानांतर कॉमर्शियल कॉरीडोर व सैटेलाइट टाउनशिप की डीपीआर बनाने का जिम्मा सौंपा गया था।
उज्जैन तक सफर होगा आसान
सिक्स लेन का निर्माण पूरा होने पर भोपाल से देवास के बीच 141 लंबे मार्ग पर वाहन सरपट दौड़ सकेंगे। देवास से इंदौर का रास्ता पहले से ही सिक्स लेन है। ऐसे में भोपाल-इंदौर का ट्रेफिक सिक्स लेन पर चलेगा। इसके साथ ही इंदौर-उज्जैन मार्ग (एसएच 59) को भी सिक्स लेन करने का काम शुरू हो गया है। इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल से उज्जैन के हरिफाटक पुल तक 46 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट की लागत 1672 करोड़ रुपये है और अगले साल दिसंबर तक इसे पूरा करने का टारगेट रखा गया है। यानि सिंहस्थ के पहले उज्जैन से इंदौर के बीच कनेक्टिविटी काफी सुधर जाएगी।
भारी भरकम लागत से अटक गया प्रोजेक्ट
शुरुआती प्लान के मुताबिक हर चरण में दो हजार हेक्टेयर जमीन विकसित की जाना थी। एक्सप्रेस वे के निर्माण पर ही 3100 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। एक्सप्रेस वे पर प्रवेश के लिए भोपाल, इछावर, आष्टा समेत चार स्थानों पर फ्लाय ओवर प्रस्तावित किए गए थे। तब अधिकारियों ने बताया था कि तीन वर्ष में एक्सप्रेस वे आकार ले पाएगा। हालांकि इस प्रोजेक्ट पर भारी भरकम खर्च और जमीन अधिग्रहण को लेकर तत्कालीन मंत्री ने आपत्ति जताई थी। सुझाव दिया था कि इसके स्थान पर भोपाल से इंदौर के बीच केवल सिक्स लेन का निर्माण किया जाना चाहिए। इसके बाद यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया।