बैतूल में अब तक की सबसे बड़ी साइबर लूट का खुलासा
बैतूल जिले में अब तक की सबसे बड़ी साइबर लूट का खुलासा हुआ है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है
बैतूल: जिले में अब तक की सबसे बड़ी साइबर लूट का खुलासा हुआ है।एक आदिवासी मजदूर के बैंक खाते से 2 करोड़ के लेनदेन से मामले का खुलासा हुआ।बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सात खातों से 9 करोड़ 84 लाख के लेनदेन का ब्यौरा मिला है ।

बैंक के 7 खातों का साइबर लूट में इस्तेमाल
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमे से दो इंदौर के निवासी हैं वहीं एक आरोपी उस बैंक का अस्थाई कर्मचारी है जिस बैंक के 7 खातों का इस्तेमाल साइबर लूट में हुआ था।आरोपियो ने मृत लोगों के भी बैंक खातों का इस्तेमाल किया है । मामले में भारी मात्रा में नगदी, एटीएम कार्ड ,मोबाइल फोन्स ,लैपटॉप, पासबुक ,एटीएम और बैंक की जमा पर्चियां बरामद हुई हैं । पुलिस के मुताबिक अपराधियो ने खातों के इस्तेमाल से देशभर में साइबर लूट की है।

बिसराम इवने की शिकायत पर हुई पुलिस अलर्ट
पिछले दिनों बैतूल के खेड़ीसावलीगढ़ गांव निवासी बिसराम इवने नाम के मजदूर ने बैतूल कलेक्टर और एसपी को बताया कि उसके बैंक खाते से 2 करोड़ का लेनदेन किया गया है जिसकी उसे भनक तक नहीं लगी । जब वो पासबुक अपडेट करवाने बैंक गया तब उसे करोड़ों के लेनदेन की जानकारी मिली । बिसराम की शिकायत ने पुलिस को अलर्ट किया और इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की । पुलिस ने सबसे पहले बैंक में कार्यरत राजा चौहान को हिरासत में लिया जो जालसाज गैंग को ज़रूरी दस्तावेज मुहैया करवा रहा था । राजा के ज़रिए पुलिस इंदौर में उन दो आरोपियों तक पहुंच गई जो बैंक खातों की डिटेल भेजकर इनका दुरुपयोग कर रहे थे।

आरोपियों को किया गिरफ्तार
इंदौर निवासी अंकित राजपूत और नरेंद्र राजपूत को गिरफ्तार किया गया जिनके पास से पुलिस को 25 सिमकार्ड सहित 15 मोबाइल फोन, 21 एटीएम कार्ड ,11 बैंक पासबुक, 7 चेकबुक, 2 पीओएस मशीन , एटीएम और बैंक की जमा पर्चियां ,2 लैपटॉप, एक्सट्रीम फाइबर राउटर, 28 हजार नगदी और कुछ रजिस्टर मिले हैं जो साइबर लूट साबित करने काफी हैं । जिन खातों का इस्तेमाल किया गया उनमें से कई खाते जिनमे पहला बेंगलुरु में , दूसरा अहमदनगर में ,तीसरा मुंबई में और चौथा मानेसर हरियाणा में हुई शिकायतो के बाद ब्लॉक कर दिए गए थे।
बैंक कर्मचारी ने दिए गोपनीय दस्तावेज
बैंक का अस्थाई कर्मचारी राजा चौहान.. गैंग को सभी दस्तावेज और गोपनीय जानकारी उपलब्ध करवा रहा था । वहीं इंदौर में बैठे नरेंद्र और अंकित ठगी को अंजाम दे रहे थे । कई मृत हो चुके लोगो के खाते भी जालसाज इस्तेमाल कर रहे हैं । जालसाजों का ये नेटवर्क पूरे देश मे फैला है और रोजाना करोड़ो की ठगी को अंजाम दे रहा है । पुलिस को उम्मीद है कि बैतूल में हुए इस बड़े खुलासे के बाद देश मे फैले कई बड़े ठगी नेटवर्क तक पहुंचा जा सकता है।
लोगों को सावधान रहने की अपील
फिलहाल इस मामले की काफी गहराई से जांच जारी है । बैतूल के बिसराम इवने के खाते से हुए 2 करोड़ के लेनदेन ने मामले को उजागर करने में बड़ी भूमिका निभाई है । पुलिस की साइबर क्राइम टीम अपना काम कर रही है लेकिन लोगों को भी अपने बैंकिंग से जुड़े दस्तावेजों की गोपनीयता और बैंकिंग या शॉपिंग से जुड़े किसी भी तरह के मैसेज को लेकर सावधान रहने की ज़रूरत है।
sanjay patidar 
