NTPC पर पानी का 257 करोड़ रुपए का बकाया निकालकर सरकार को सांसत में डाला

भारत सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) पर पानी का 257 करोड़ रुपए का बकाया बताकर जल संसाधन विभाग के प्रभारी ईएनसी विनोद कुमार देवड़ा ने सरकार को सांसत में डाल दिया.

NTPC पर पानी का 257 करोड़ रुपए का बकाया निकालकर सरकार को सांसत में डाला
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सरकारी मशीनरी ने लापरवाही की पार की सारी हदें

जल संसाधन विभाग के ईएनसी ने 21.80 करोड़ की बकाया राशि को 12 गुना ज्यादा बताया

भारत सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) पर पानी का 257 करोड़ रुपए का बकाया बताकर जल संसाधन विभाग के प्रभारी ईएनसी विनोद कुमार देवड़ा ने सरकार को सांसत में डाल दिया. ऐसा कर सरकारी मशीनरी ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दी हैं. अब बकाया निकालने वाले अफसर को सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्हें 10 जुलाई तक जवाब देने को कहा है.

मध्यप्रदेश का जल संसाधन विभाग केंद्र सरकार की विभिन्न संस्थाओं सहित उद्योगों को पानी मुहैया कराता है. एनटीपीसी भी भारत सरकार की एक संस्था है. एनटीपीसी को भी पानी मुहैया कराने का काम जल ससांधन विभाग करता है. वर्तमान में एनटीपीसी से सरकार को जल कर के रूप में 21.80 करोड़ रुपए लेना है, लेकिन जल संसाधन विभाग के प्रभारी प्रमुख अभियंता विनोद कुमार देवड़ा ने 15 मई 2025 को सरकार को एकल नस्ती भेजकर एनटीपीसी सिंगरौली पर मार्च 2025 की स्थिति में 257.74 करोड़ रुपए का बकाया बताया है. राज्य सरकार ने जब बकाया राशि के बारे में एनटीपीसी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर से पत्र व्यवहार किया, तब पता चला कि यह राशि तो बहुत ज्यादा है. एनटीपीसी के महाप्रबंधक द्वारा चार जून 2025 को राज्य सरकार को लिखे पत्र में यह जानकारी दी है कि उनकी संस्था पर 257.74 करोड़ रुपए नहीं, बल्कि 21 करोड़ 80 लाख 94 हजार 649 रुपए बकाया है. यह राशि अप्रैल 2025 की स्थिति में एनटीपीसी को देना है. पत्र के साथ महाप्रबंधक ने एनटीपीसी की ओर से जमा की गई राशि का देयक, चालान एवं भुगतान का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया है.

राज्य सरकार ने विभाग के वित्तीय सलाहकार राजेश सिंह को भी थमाया नोटिस

राज्य सरकार ने अपने नोटिस में ईएनसी से कहा-आपका यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन है, जो कि अनुशासनात्मक कार्यवाही की श्रेणी में आता है. क्यों नहीं आपके विरुद्ध मप्र सिविल सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएं. विभाग ने ऐसा ही शोकॉज नोटिस जल संसाधन विभाग के वित्तीय सलाहकार राजेश सिंह को भी थमाया है. राजेश सिंह से भी स्पष्टीकरण मांगते हुए जवाब देने को कहा गया है. समय पर जवाब नहीं मिलने की स्थिति में एकपक्षीय कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है.

सरकार ने पूछा- किस आधार पर निकाली गई बकाया राशि

एनटीपीसी के जवाब के बाद जल संसाधन विभाग ने प्रभारी ईएनसी विनोद कुमार देवड़ा को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस तीन जुलाई को जारी किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री क्रमांक-दो सिंगरौली के पत्र 10 जून 2025 के उल्लेख में एनटीपीसी सिंगरौली के ऊपर माह अप्रैल एवं मई 2025 की स्थिति में जलकर की बकाया राशि 21.80 करोड़ बताई गई है. यह राशि ईआईएमएस पोर्टल पर भी प्रदर्शित हो रही है, जबकि आपके द्वारा एनटीपीसी पर मार्च 2025 की स्थिति में बकाया राशि 257.74 करोड दर्शायी गई है. ऐसा कर आपने जिम्मेदार पद पर रहते हुए अपने दायित्व का उचित निर्वहन नहीं किया है. आपके इस कृत्य से अप्रिय स्थिति निर्मित हुई है. इससे जल संसाधन विभाग और मध्यप्रदेश शासन की छवि धूमिल हुई है. आपका यह कृत्य घोर लापरवाही का द्योतक है. आपके द्वारा बकाया के तौर पर इतनी अधिक राशि किस आधार पर दर्शायी गई है, उसके बारे में दस जुलाई तक अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें.